Mid Day Meal in MP:digi desk/BHN/ प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों को मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) में तुअर (अरहर) दाल और सोयाबीन का तेल देने के नाम पर भी ठगी का मामला सामने आया है। सरकारी तंत्र जो तुअर दाल बच्चों को 139 रुपये किलो के हिसाब से दे रहा है, वह फुटकर बाजार में 90 रुपये किलो में भी उपलब्ध है। जो सोयाबीन तेल 100 रुपये लीटर मिल जाता है वह बच्चों को 131 रुपये लीटर के हिसाब से दिया जा रहा है। मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के संचालक इस महंगाई का ठीकरा केंद्रीय भंडारण पर फोड़ रहे हैं। प्राइमरी व मिडिल स्कूल के बच्चों को मध्याह्न भोजन में अब तक गेहूं व चावल मिला करता था। इसे पकाने के लिए प्राइमरी स्कूल के बच्चों को 4.97 रुपये और मिडिल स्कूल के बच्चों को 7.95 रुपये प्रतिदिन मिलता था।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन चल रहे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम परिषद ने कोरोना काल की एक निश्चित अवधि में भोजन पकाने की इस राशि को बंद कर दिया। इस अवधि (अगस्त से अक्टूबर 2020, कुल 73 दिन) की राशि के बदले प्राइमरी व मिडिल स्कूल के बच्चों को दाल-तेल के पैकेट दिए जा रहे हैं। इसमें बच्चों को बाजार भाव से कहीं ज्यादा कीमत की बताकर दाल और तेल दिया जा रहा है। यदि बाजार भाव के हिसाब से दाल और तेल दिया जाता तो उक्त अवधि की राशि में बच्चों को अपेक्षाकृत अधिक दाल और तेल मिलता। बच्चों तक एक किलो तेल व एक किलो दाल पहुंचाने में 42 रुपये का अतिरिक्त खर्च भी बताया गया है। स्थानीय अफसरों का तर्क है कि अक्टूबर में दाल-तेल की खरीदी हुई, तब दाम कुछ महंगे थे, लेकिन यह दावा भी हकीकत से उलट है। अक्टूबर में भी तुअर दाल प्रति किलो और सोयाबीन तेल के दाम 100 रुपये लीटर से अधिक नहीं थे।
राशि के बदले पूरा सामान भी नहीं
- बच्चों को अगस्त के 22, सितंबर के 26 और अक्टूबर के 24 दिनों की भोजन पकाने की राशि के बदले तेल- दाल दी जा रही है।
- प्राइमरी के एक बच्चे को दो किलो दाल (278 रुपये में) और 525 ग्राम तेल (68.51 रुपये में) दिया जा रहा है। यानी कुल 346 रुपये की सामग्री हुई, जबकि बच्चे को 73 दिन की राशि 362.81 रुपये मिलना चाहिए। यानी एक बच्चे को 16.3 रुपये का सामान कम दिया गया।
- मिडिल स्कूल के एक बच्चे को तीन किलो दाल (417 रुपये में) और 783 ग्राम तेल (102.57 रुपये में) दिया जा रहा है। इसकी कुल कीमत 519.57 रुपये की हुई, जबकि बच्चे को 73 दिन की राशि 543.85 रुपये मिलती है। यानी एक बच्चे के 24.85 रुपये का सामान कम दिया गया।