Astronomical Events 2021:digi desk/BHN/ इस पूरे जनवरी महीने में आकाश में रोचक, रोमांचक खगोलीय घटनाओं का क्रम जारी रहेगा। यदि आप खगोलीय घटनाओं में रुचि रखते हैं तो आपको बहुत आनंद आने वाला है। आज रात जहां उल्काओं की बारिश देखने का आखिरी मौका है, वहीं 12 जनवरी से 29 जनवरी तक बारी-बारी से दुर्लभ घटनाएं होंगी। ग्रहों की स्थिति के लिहाज से जनवरी के आने वाले दिन खास रहने वाले हैं। चंद्रमा सौर परिवार के तीन ग्रहों बुध (मर्करी), मंगल (मार्स) व शुक्र (वीनस) के नजदीक पहुंचेगा। जबकि गुरु (जुपिटर) व सूर्य के बीच भी नजदीकियां बढ़ेंगी। इनके अलावा बुध को देखने का सुनहरा मौका भी होगा। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार, हमारे सौरमंडल में ग्रहों की दिशा व स्थिति बदलती रहती है। प्रत्येक ग्रह का अपना भ्रमण पाथ है। जिस कारण ग्रहों के बीच की दूरी घटती-बढ़ती रहती है। देश में बढ़ते स्टार गेजिंग क्रेज के लिहाज से खगोलीय घटनाओं की महत्ता बढ़ने लगी है। एस्ट्रो फोटोग्राफर और खगोल प्रेमियों को ग्रहों को एक-दूसरे के करीब आने का इंतजार रहता है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग के पूर्व उप निदेशक जेसी बेरी के अनुसार, उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म की पर्याप्त संभावनाएं हैं। यहां की शांत, प्रदूषण से मुक्त और रात के वक्त अंधेरे में डूबी वादियां इन घटनाओं का लुत्फ और बढ़ा देती हैं। इस पर्यटन का आनंद लेने के लिए लोगों का यहां पहुंचना शुरू हो गया है। इस पर्यटन से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
कब क्या होगा
- – 12 जनवरी की रात को आकाश में सैकड़ों जलती हुईं उल्काओं की बारिश एवं खगोलीय आतिशबाजी को देखा जा सकता है।
- – 12 जनवरी को शुक्र ग्रह चंद्रमा के बेहद करीब पहुंचने जा रहा है। रात करीब दो बजे यह दोनों एक-दूसरे के करीब पहुंचेंगे।
- – 14 को चंद्रमा और बुध एक-दूसरे के नजदीक होंगे। इसके बाद 21 जनवरी को लाल ग्रह मंगल चंद्रमा के करीब होगा।
- – चंद्रमा के नजदीक होने पर मंगल व शुक्र को आसानी से पहचाना जा सकेगा। बुध ग्रह को दूरबीन से बेहतर ढंग से देखा जा सकेगा। इसे देखने के लिए 24 जनवरी का दिन खास रहने वाला है।
- – इसके बाद सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह गुरु सूर्य के नजदीक पहुंचने जा रहा है। यह खगोलीय संयोग 29 जनवरी को बनेगा।
- – विज्ञानी दृष्टिकोण से ग्रहों की चाल इनकी गणना के लिहाज से महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें ग्रहों की बीच की दूरी का आकलन किया जा सकता है।