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Uniform Civil Code Bill: उत्तराखंड विधानसभा में UCC बिल पास, बनेगा समान कानून लागू करने वाला पहला प्रदेश

  1. उत्तराखंड विधानसभा में पारित हुआ समान नागरिक संहिता बिल
  2. पुष्कर धामी सरकार ने विधानसभा में पेश किया था प्रस्ताव
  3. उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है

National general uniform civil code 2024 bill passed in uttarakhand first state to implement ucc: digi desk/BHN/देहरादून/ उत्तराखंड राज्य ने इतिहास रच दिया है। बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा के बाद समान नागरिक संहिता बिल पास हो गया। इसी के साथ उत्तराखंड यूसीसी कानून लागू करने वाला पहला प्रदेश बन गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विधेयक को सदन में पेश किया था। प्रस्ताव पारित होने से पहले बिल पर बोलते हुए सीएम धामी ने कहा कि आजादी के बाद संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 44 के तहत यह अधिकार दिया कि प्रदेश उचित समय पर यूसीसी लागू कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘इसे लेकर लोगों के मन में संदेह है। हमारी सरकार ने संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप मसौदा तैयार किया है।’

सीएम पुष्कर धामी ने यूसीसी बिल पास होने के बाद कहा

समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधयक सदन में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि आज का दिन राज्य के लिए बहुत विशेष है। आज देवभूमि की विधानसभा में ये विशेष विधेयक जिसकी देश में लंबे समय से मांग उठती रही है। उसकी शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा, ‘मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं। उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से हमें ये विधेयक विधानसभा में पारित करने का अवसर मिला।’

सभी के लिए समानता का कानून

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता कानून समानता का कानून है। इसके बारे में लोग अलग-अलग बातें कर रहे थे, लेकिन विधानसभा में हुई चर्चा में स्पष्ट हो गया। उन्होंने कहा, ‘ये कानून किसी के खिलाफ नहीं है। ये कानून उन माताओं, बहनों और बेटियों के लिए हैं। जिन्हें कुरीतियों के कारण यातनाओं का सामना करना पड़ता था।’

राज्यपाल के पास भेजा जाएगा

यूसीसी बिल पास होने के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह के पास भेजा जाएगा। गवर्नर के हस्ताक्षर होते ही कानून बन जाएगा। इससे उत्तराखंड के सभी लोगों पर समान कानून लागू हो जाएंगे। अनुसूचित जनजाति के लोगों पर इसके प्रावधान लागू नहीं होंगे। समान नागरिक संहिता का वादा बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में किया था। पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनते ही इसे लेकर समिति बन गई थी। इस समिति ने लाखों सुझावों के बाद यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया।

उत्तराखंड में यूसीसी बिल लागू होने के क्या बदल जाएगा?

1. बेटे और बेटी का प्रॉपर्टी में समान अधिकार होगा।

2. किसी व्यक्ति की मौत होने पर यूनिफॉर्म सिविक कोड संपत्ति को पति/पत्नी और बच्चों में समान रूप से वितरण का अधिकार देगा। उस शख्य के माता-पिता को प्रॉपर्टी में समान अधिकार मिलेगा।

3. पति-पत्नी को तलाक आधार और एक जैसे कारण होने पर ही मिलेगा। एक पक्ष के कारण तलाक नहीं मिल सकेगा।

4. लिव इन में रहने वालों को इसका रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ये सेल्फ डिक्लेशन जैसा है। इस नियम से अनुसूचित जनजाति के लोगों को छूट मिलेगी।

5. लिव इन रिलेशनशिप से कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी जिम्मेदारी कपल को उठानी पड़ेगी। उन्हें बच्चे को अपना नाम देना होगा।

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