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पीडीएस वितरण में हुई गड़बड़ी, विधानसभा की जांच समिति करेगी जांच

रायपुर

बजट सत्र के दूसरे दिन भाजपा विधायकों ने पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए पीडीएस घोटाले का मामला उठाया। इस खाद्य मंत्री ने कहा कि यह उनके कार्यकाल का मामला नहीं है, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कार्यकाल किसी का हो सरकार के मंत्री के रूप में आप दायित्व में है जवाब आपको देने है। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने राशन घोटाले की जांच विधानसभा की सदन समिति से कराने की घोषणा की है।

मंगलवार को प्रश्नकाल में भाजपा के धरमलाल कौशिक ने वर्ष 2023 में हुए चावल घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा राशन माफिया के द्वारा चावल, शक्कर, चना की अफरा-तफरी की गई। सरकार ने पिछले कार्यकाल में जांच कराकर जवाब देने की घोषणा की थी। यह जांच 24 मार्च 2023 तक पूरा कर जवाब देना था लेकिन इससे पहले ही सत्रावसान कर दिया गया। इसलिए नए मंत्री बताएं मार्च 23 की स्थिति में कितने राशन की अनियमितता, कितने दुकानों पर एफआईआर, कितने अधिकारी सस्पेंड किए गए।

इस पर मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि परीक्षण करा लिया गया है। कार्रवाई भी की गई है। अध्यक्ष डॉ. रमनसिंह ने कहा कि इस विषय पर पूर्व में आसंदी ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि कार्रवाई में समय का ध्यान रखा जाए। इसलिए जवाब दिया जाए। मंत्री बघेल ने कहा पूर्व खाद्यमंत्री (अमरजीत भगत) द्वारा मार्च 23 तक सत्यापन की बात कही थी। लेकिन नहीं हुई। इस पर धरमकौशिक और अजय चंद्राकर ने व्यवस्था रखी कि जब आसंदी का निर्देश है तो कार्रवाई बनती है प्रश्न नहीं उठता। मंत्री ने कहा मार्च 23 तक सभी जिलों का परीक्षण कराया गया था इसमें 5842 दुकानों में 54240 टन चावल कीमत 197.65 करोड़, 2हजार 8 सौ टन शक्कर कीमत 10 हजार 9 करोड़, चना 3771 दुकानों में 2440 टन कीमत 23.34 करोड़ कुल राशि 216.8 करोड़ की कमी पाई गई। इस पर धरम कौशिक ने कहा कि हर 2 माह में स्टाक की जांच कर बचत स्टाक के अनुसार कटौती कर नया कोटा दिए जाने की व्यवस्था थी क्या इसका पालन किया गया।

खाद्यमंत्री बघेल ने कहा 2017 से 22 तक ऐसी व्यवस्था थी लेकिन मई 2022 से बदल दी गई। उसके बाद का स्टाक डेटा विभाग के पास नहीं है क्योंकि वन नेशन वन कार्ड के तहत सारा डेटा केंद्र सरकार के पास चला गया है। मई 2022 तक तत्कालीन खाद्य संचालक के अनुमोदन से राशन दिया गया। श्री कौशिक ने जवाब से असंतुष्ट होकर सदन कमेटी से जांच की मांग की। अजय चंद्राकर ने कहा कि 216 करोड़ का घोटाला उत्तर में प्रमाणित हो रहा है इसके लिए दोषियों पर क्या कार्रवाई की गई। इस पर राजेश मूणत ने कहा कि गरीबों का चावल खाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। मंत्री बघेल ने जवाब में स्वीकार किया कि अनियमितता हुई है इसके लिए 227 दुकानें निलंबित की गई, 181 निरस्त और 24 दुकानदारों पर एफआईआर हुई। इस पर भाजपा के विधायकों ने जांच प्रतिवेदन पर समुचित कार्रवाई न होने का मुद्दा उठाया। तो मंत्री ने कहा कि यह मेरे कार्यकाल का नहीं है। यह सुनकर स्पीकर डॉ. रमनसिंह ने कहा कार्यकाल किसी का हो सरकार के मंत्री के रूप में आप दायित्व में है जवाब आपको देने है।

अजय चंद्राकर ने इसे गैर जवाबदारीपूर्ण उत्तर बताया। उन्होंने पूछा कि जब आप गड़बड़ी से सहमत हैं तो जांच कराएं। खाद्य मंत्री ने कहा गड़बड़ी हुई है जांच कराएंगे। इस पर अजय और धरमलाल ने कहा जांच कराएंगे की घोषणा पर्याप्त नहीं है। सदन समिति से जांच कराएं। इस पर हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन समिति से जांच कराने पर सहमति दी।

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