सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ सद्गुरु पुण्यतिथि महोत्सव के आज अंतिम दिवस मे जगद्गुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी रामलला चार्य जी महाराज ने कहा कि संसार में समस्त साधनों का फल भगवान श्री सीताराम जी महाराज के चरणो में प्रेम की भावना बन जाना है। दुनिया का कोई भी कर्म ईश्वर से अगर जोड़ दिया जाए तो वह कर्म ईश्वर को प्राप्त करवा सकता है। श्रीरामचरितमानस का प्रमाण देते हुए पूज्य जगद्गुरु जी महाराज ने कहा कि
बारी मथे घ्रत होई बरु सिकता ते बरु तेल।
बिनु हरी भजन न भव तरिअ यह सिद्धांत अपेल।।
उन्होंने कहा कि भगवान के भजन के बिना इस जीव को कभी भी शांति प्राप्त नहीं होगी। जीवन में अगर शांति चाहिए आनंद चाहिए और कुछ चाहिए तो भगवान श्री सीताराम जी महाराज का भजन करना ही पड़ेगा। अपने अपने घरों में जाकर के 1 दिन का भगवान का भजन अवश्य करना चाहिए। जिस घर में कीर्तन होती है उस घर में कभी भी विवाद नहीं होते, कभी झगड़े नहीं होते। सभी शिष्यों को आदेश देते हुए पूज्य महाराज श्री ने कहा कि सभी को माथे पर तिलक लगाना है, कन्थि धारण करना है, और भगवान का समर्थन करना है। हर कर्म को ईश्वर से जोड़ते हुए ऐसी भावना करें कि हम सब कुछ भगवान के लिए कर रहे हैं।
कार्यक्रम के समापन में रीवा के युवा एकता परिषद के नवयुवक दल के सभी सदस्य पंडित सचिन शर्मा के साथ में आए पूज्य महाराज श्री का भव्य माल्यार्पण करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके पश्चात हजारों भक्तों ने मानस पीठ खजुरी ताल में एकत्रित होकर ठाकुर जी से आशीर्वाद लिया और भंडारे का प्रसाद भावपूर्ण ग्रहण किया।