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मोइज्जू अब तक जमकर भारत से लड़ रहे थे, अब घर में ही हो रहे तानाशाही

मालदीव
मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अब तक जमकर भारत का ही विरोध कर रहे थे लेकिन अब उनका देश में भी तानाशाही रवैया सामने आ रहा है। उन्होंने विपक्षी दलों को संसद में घुसने से ही रोक दिया। वहीं कैबिनेट के चार सदस्यों को लेकर विपक्षी की मंजूरी ना मिलने की वजह से मालदीव की संसद में जमकर हंगामा हुआ और सांसदों के बीच मारपीट हो गई। मुइज्जू के भी सांसद इस मारपीट में पीटे गए। अब विपक्षी दलों का कहना है कि उनके पास मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए पर्याप्त समर्थन है और वे जल्द ही उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के पास संसद में सबसे ज्यादा सीटें हैं। पार्टी का कहना है कि मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के लिए उसने पर्याप्त हस्ताक्षर इकट्ठा कर लिए हैं। सुनऑनलाइन मीडिया वेबसाइट को एमडीपी के एक ससांसद ने बताया कि दूसरे सहयोगियों के साथ मिलकर मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही है। विपक्षी दलों ने अब तक प्रस्ताव बनाया नहीं है। 

एक दिन पहले ही मालदीव की संसद का वीडियो सामने आया था। इसमें पक्ष और विपक्ष के सांसद भिड़ते हुए दिखाई दे रहे ते। दरअसल चीन समर्थक मुइज्जू और विपक्षी दलों के बीच कैबिनेट मेंबर्स की मंजूरी को लेकर मतभेद है। एमडीपी ने चार सदस्यों को मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद मुइज्जू के सांसदों ने संसद में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद सांसद अब्दुल्ला शाहीम अब्दुल हकीम शाहीम और अहमद ईसा आपस में भिड़ गए। शाहीम को चोट भी आई है। झड़प के दौरान वे लड़ते-लड़ते स्पीकर की चेयर तक पहुंच गए। 

एमडीपी और डेमोक्रेट्स ने पहले ही फैसला कर लिया था कि वे मुइज्जू कैबिनेट के लिए चार सदस्यों को मंजूरी नहीं देंगे। वहीं मालदीव में मुइज्जू की भी गठबंधन सरकार है। ऐसे में उन्हें पर्याप्त सांसदों के समर्थन की जरूरत है। इसी बीच सत्ताधारी पार्टी ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। स्पीकर पर आरोप लगाया गया कि विशेष पार्टी का समर्थन करने के लिए वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। 

भारत के विरोध पर मालदीव का विपक्ष भी चिंतित
बता दें कि भारत के विरोध को लेकर मालदीव का विपक्ष चिंतत है। पूर्व राष्ट्रपति ने भी मुइज्जू के सांसदों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध किया था। जब से मुइज्जू और भारत आमने-सामने आए हैं तब से ही मालदीव का विपक्ष सत्ता पर ज्यादा आक्रामक दिख रहा है। बीते साल 17 नवंबर को राष्ट्रपति बनते ही चीन समर्थक मुइज्जू ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था। उन्होंने भारत से कहा था कि अपनी सेना को मालदीव से वापस बुला ले। उनका कहना था कि मालदीव के लोगों ने उन्हें इसीलिए जनादेश दिया है।
 

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