shree ram mandir:digi desk/BHN/ विदिशा से करीब 5 किलोमीटर दूर 150 परिवारों का गांव जीवाजीपुर, जहां करीब 1 करोड़ रुपये की लागत से दो मंजिला राम मंदिर बनाया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए करीब 8 साल से धन संग्रह किया जा रहा है, इन परिवारों ने स्वयं धन एकत्रित कर करीब 50 लाख रुपये से मंदिर का भवन निर्माण पूरा करा दिया है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के साथ जीवाजीपुर के ग्रामीणों का उत्साह बढ़ गया है अब ग्रामीणे की इच्छा है कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लोकार्पण के साथ उनके गांव के मंदिर का भी लोकर्पण हो जाए।

गांव के पूर्व सरपंच लखन सिंह राजपूत का कहना है कि मंदिर निर्माण के लिए गांव का प्रत्येक परिवार हर साल दान देता है। प्रतिवर्ष फसलों की आवक के अनुसार धन एकत्रित करते हैं। उन्होंने बताया कि गांव में जिसके पास ज्यादा जमीन है वह ज्यादा धन देता है। इसी तरह प्रतिवर्ष 5 से 10 लाख रुपये एकत्रित करते हैं जो मंदिर निर्माण में लगाया जाता है। लॉकडाउन में निर्माण रुक गया था लेकिन अब फिर से शुरू हो गया है। पूर्व सरपंच के अनुसार मंदिर निर्माण अंतिम चरण में है, करीब 50 लाख रुपये और लगेंगे। उनका कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर धन संग्रह चल रहा है जल्दी वहां मंदिर निर्माण हो जाएगा इसलिए अब ग्रामीणों की मनोकामना है कि अब उनके गांव के राम मंदिर का लोकार्पण अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के साथ ही हो।

जीवाजीपुर में गांव के बीचो बीच बन रहा भगवान राम सीता का मंदिर दो मंजिला है। मंदिर के निचले तल में हनुमान जी विराजेंगे तो वहीं ऊपरी मंजिल पर भगवान राम जानकी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पूर्व सरपंच लखन सिंह के अनुसार मंदिर में अब अंदर के हिस्से में काम होना है, उसके समाप्त्‌ होते ही प्रतिमा स्थापित की जाएंगी। राजस्थान के कारीगर मंदिर का निर्माण कर रहे हैं, मंदिर में लगने वाला खूबसूरत नक्काशीदार लाल पत्थर राजस्थान से ही मंगाया जा रहा है, प्रतिमाएं भी अब जयपुर से ही लाई जाएंगी।

निसंतान दम्पत्ति ने बनवाया था शिव मंदिर

गांव में इससे पहले पिछले वर्ष शिवरात्रि पर शिव मंदिर का लोकर्पण हुआ था। ये मंदिर गांव की एक निसंतान दम्पत्ति 75 वर्षीय करण सिंह ठाकुर और उनकी पत्नी मोहर बाई ने डेढ़ बीघा जमीन दान कर बनवाया था। मंदिर का शुभारंभ करने के कुछ माह बाद दोनों का निधन हो गया। ग्रामीण केशव सिंह ठाकुर ने बताया कि उनकी खुद की कोई संतान नहीं थी, आज भी मंदिर को देखकर ग्रामीण उन्हें याद करते हैं। गांव के हरिराम ठाकुर, बहादुर सिंह का कहना है कि यहां बन रहे राम मंदिर को लेकर प्रत्येक ग्रामीण उत्साहित है, गांव का धार्मिक वातावरण हो गया है, लोग मिलकर रहते हैं, बुरी आदतों से भी बचते हैं।