Guidelines for Marriage m.p:digi desk/BHN/ राजधानी भोपाल में डेढ़ सौ से ज्यादा मैरिज गार्डन है, जहां सालभर में औसत 60 दिन शादियों के आयोजन होते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पिछला साल मैरिज गार्डन व इससे जुड़े टेंट, लाइट, केटरर व्यवसायियों के लिए बुरा रहा। ढाई माह तक लॉकडाउन एवं फिर दिसंबर तक मेहमानों की संख्या सीमित होने से मैरिज गार्डनों में बुकिंग नहीं हुई। अब तीन महीने बाद अप्रैल में शादियों का दौर शुरू होगा। कई घरों में शहनाइयां भी बजेंगी। लेकिन शादी में मेहमानों की संख्या को लेकर संशय बना हुआ है। इस कारण लोग भी गार्डन बुक नहीं करा रहे हैं।
दरअसल, शादी में अब तक 200 मेहमानों को ही शामिल किए जाने अनुमति है। ऐसे में लोग गार्डन की बुकिंग नहीं करा रहे हैं। इसलिए गार्डन संचालक विरोध में उतर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि भीड़ से कोरोना संक्रमण फैलने का डर है तो राजनीतिक पार्टियों के लिए भी पाबंदी लागू होना चाहिए। इसे लेकर संचालक अब सरकार का दरवाजा खटखटाएंगे।
डेढ़ लाख लोगों के रोजगार पर संकट
शादी-ब्याह के आयोजन में न सिर्फ मैरिज गार्डन बल्कि टेंट, केटरर्स, बिजली डेकोरेशन, फूलों की सजावट कार्य करने वाले एवं मजदूर भी जुड़े होते हैं। राजधानी में करीब डेढ़ लाख लोग इन्हीं आयोजनों पर आश्रित है, लेकिन गार्डन में पाबंदियां होने से उनके रोजगार पर संकट आन पड़ा है।
जिस समय मुहूर्त, तब लगा था लॉकडाउन
भोपाल टेंट, लाइट, कैटरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रिंकू भटेजा ने बताया कि पिछले साल अप्रैल, मई व जून में शादी के मुहूर्त थे, लेकिन इस अवधि में लॉकडाउन लगा था। कई दिन तक मैरिज गार्डन खोलने पर सरकार ने कोई निर्णय भी नहीं लिया। बाद में सिर्फ 200 मेहमानों की शर्त रख दी। नवंबर-दिसंबर में सिर्फ नौ मुहूर्त थे। ऐसे में चुनिंदा गार्डनों की ही बुकिंग हुई थी। अब चूंकि अप्रैल से शादी-ब्याह का सीजन फिर शुरू होगा। ऐसे में उम्मीद है कि इस अवधि में सैकड़ों शादियां होंगी, पर अभी तक मेहमानों की संख्या को लेकर सरकार या प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इस कारण लोग बुकिंग कराने से पीछे हट हट रहे हैं।