Loan Moratorium:नई दिल्ली. लोन मोरेटोरियम की आखिरी तारीख 31 अगस्त को खत्म हो चुकी है। इस छह महीने की अवधि में किस्त जमा करने से तो छूट मिली, लेकिन ब्याज और ब्याज पर ब्याज जरूर लगा। इस ब्याज को माफ करने की मांग की जा रही है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 28 सितंबर तक का समय दिया, जब अगली सुनवाई होगी। इस बीच, केंद्र सरकार ने इस ब्याज माफी के प्रभाव का आकलन करने के लिए पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव मेहरिशी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस पैनल को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

28 सितंबर को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट छह महीने की अवधि का ब्याज को माफ करने पर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अपना रुख साफ करेगा। इससे पहले अदालत ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे किसी भी ऋण को नॉनपरफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के रूप में घोषित न करें।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल मार्च में Loan Moratorium का ऐलान किया था। तब आरबीआई ने बैंकों को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों को राहत देने के लिए 1 मार्च से शुरू होने वाले मूलधन और ब्याज भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति दी थी। बाद में इसे तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था।