नई दिल्ली
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश में भक्तिमय माहौल है। इस बीच विपक्ष के कुछ नेताओं की बयानबाजी भी जारी है और उस पर कई भाजपा नेताओं ने जवाब भी दिया है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी जवाब देने और उसमें तीखे लहजे का इस्तेमाल करने के भी खिलाफ हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मंत्रियों को नसीहत दी है कि वे विपक्ष के उकसावे में आकर तीखे बयान न दें। उन्होंने सलाह दी है कि अयोध्या को लेकर आस्था दिखाएं और गुस्से से बचें। यही नहीं लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट के साथियों से पीएम ने कहा कि वे अपने यहां के स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा अयोध्या भेजने पर फोकस करें और उसके लिए इंतजाम भी करें।
सूत्रों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते सप्ताह कैबिनेट मीटिंग में यह बात कही थी। भाजपा भी पहले ही सभी नेताओं से कह चुकी है कि वह इस दौरान पार्टी के झंडों और बैनरों का इस्तेमाल न करें। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए चल रही तैयारियों के बीच भाजपा इस मौके पर अपने विरोधियों के साथ किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती। भाजपा का कहना है कि देश राम मय हो रहा है और अगर विपक्ष अपने बयानों से माहौल को बिगाड़ने का काम करे तो उसे ज्यादा तवज्जो न दें और जवाबी आक्रामकता न दिखाएं।
बैठक में मंत्रियों को बयानबाजी से बचने का निर्देश देने के साथ-साथ कहा गया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सचेत रहें। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि मंत्री अपनी आस्था दिखाएं, लेकिन मर्यादा का भी उतना ही ध्यान रखें। वे आक्रामकता बिलकुल न दिखाएं। सभी लोग इस बात का भी ध्यान रखें कि उनके अपने-अपने क्षेत्र में प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो। साथ ही अपने इलाके के लोगों को 22 जनवरी के बाद अयोध्या में राम लला के दर्शन करवाने लाएं और अधिक से अधिक लोगों को श्रीराम का आशीर्वाद दिलाएं।
UP में 22 जनवरी को बंद रहेंगे सभी शिक्षण संस्थान
बता दें कि देश भर में इन दिनों राम मंदिर को लेकर उत्साह का माहौल है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से पहले अयोध्या में तैयारियां जोरों पर है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अयोध्या पहुंचे थे। यही नहीं प्रदेश में 22 तारीख को सभी शिक्षण संस्थानों को भी बंद रखने को कहा गया है।