Monday , July 1 2024
Breaking News

दौसा : 900 करोड़ का जल जीवन मिशन घोटाला; हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट, पूछा- कार्रवाई क्यों नहीं की?

दौसा.

जल जीवन मिशन के टेंडरों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए हजारों करोड़ रुपये के कार्यादेशों पर कार्रवाई के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता पूनम चंद भण्डारी एवं डॉ. टीएन शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि श्री गणपती ट्यूबवेल और श्याम कृपा ट्यूबवेल कम्पनी ने(भारत सरकार के उपक्रम) इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी कम्प्लेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत करके जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपये के टेन्डर प्राप्त कर लिए।

इस बारे में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने जल जीवन मिशन के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को दो बार पत्र लिखे कि फर्जी दस्तावेजों आधार पर कंपनियों ने 900 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए हैं। मगर राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। पब्लिक अगेन्स्ट करप्शन संस्था के आजीवन सदस्य एवं अधिवक्ता डॉ. टीएन शर्मा ने पुलिस कमिशनर एवं भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महा निदेशक को बार- बार लिखा मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। भंडारी ने बताया कि फर्जीवाडे़ का ये एक मात्र उदाहरण है। इसी प्रकार के कई फर्जीवाड़े जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, GA infra, मांगी लाल विश्नोई आदि फर्म ने भी किए हैं। साथ ही कई ऐसी जगह भी हैं, जहां पर बिना काम के ही भुगतान पहले ही कर दिया गया। शिकायत होने के बाद बाद में आनन-फानन में कार्य किया गया है और कई जगह लोहे के पाइप की जगह प्लास्टिक के पाइप लगा दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने प्रस्तुत किए गए समस्त दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन किया एवं राज्य सरकार की तरफ से उपस्थति अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता और केंद्र सरकार की तरफ से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आर डी रस्तोगी से भी पूछा का आपने क्या कार्रवाई की।

आर डी रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है, जिसमें राजस्थान सरकार के प्रमुख सचिव तक की संलिप्तता पता चली है एवं उक्त संदर्भित मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है। सुनवाई के बाद राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव एवं न्यायाधीश शुभा मेहता की खंडपीठ ने ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं पुलिस कमिशनर एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महा निदेशक को आदेश दिया कि दो सप्ताह में शपथ पत्र प्रस्तुत कर न्यायालय को बताएं कि ऐसे गंभीर मामले में क्या कार्रवाई की गई है।

About rishi pandit

Check Also

जिस कंधे पर बैठकर दुनिया देखी, उन्हें ही कंधा देना पड़ा, होमगार्ड जवान की बेटियों ने चुकाया कर्ज

पटना जिस कंधे पर बैठकर दुनिया देखी। उन्हें ही कंधा देना पड़ा। जिन्होंने कभी आंख …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *