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National: रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह, बाबर के जन्म स्थान से आएगा जल, 156 देशों के जल से होगा रामलला का जलाभिषेक

National water will also come from babar s birth place ramlala s jalabhishek will be done with water from 156 countrie: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ पिछले साल 23 अप्रैल को हमारी संस्था की ओर से अयोध्या में जलाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में 13 देशों के राजदूत और 40 देशों के 200 लोगों का समूह अयोध्या पहुंचा था। इस कार्यक्रम में 156 देशों से एकत्रित जल को रामलला की चौखट पर अर्पित किया गया था।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में रामलला का अभिषेक 156 देशों के जल से होगा। खास बात यह है कि इस जल में मुगल शासक बाबर के जन्मस्थान उज्बेकिस्तान का भी जल शामिल है। इसके अलावा चीन, पाकिस्तान, दुबई समेत महाद्वीप अंटार्कटिका के भी जल से रामलला का अभिषेक होगा। यह दावा दिल्ली के पूर्व विधायक डॉ़ विजय जौली का है।

जल से भरा एक बड़ा कलश विहिप के संरक्षक मंडल सदस्य दिनेश चंद्र को उन्होंने दिसंबर माह में ही सौंप दिया है। दिनेश चंद्र ने वादा किया है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रामलला के अभिषेक के लिए इस जल का उपयोग किया जाएगा। डॉ. विजय जौली के अनुसार दुनिया के 170 देशों में दिल्ली स्टडी ग्रुप के संबंध हैं। वह कई वर्षों तक भाजपा के विदेश विभाग के प्रमुख रहे। दिल्ली स्टडी ग्रुप की भी जल संग्रह अभियान में अहम भूमिका रही। कई देशों की सरकारें हमारे संस्था के सदस्यों को प्रतिनिधि के रूप में बुलाती रहती हैं, इसका फायदा भी हमें मिला।

पिछले साल 23 अप्रैल को हमारी संस्था की ओर से अयोध्या में जलाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में 13 देशों के राजदूत और 40 देशों के 200 लोगों का समूह अयोध्या पहुंचा था। इस कार्यक्रम में 156 देशों से एकत्रित जल को रामलला की चौखट पर अर्पित किया गया था। इस कार्यक्रम से पहले हमने सभी देशों का थोड़ा-थोड़ा जल तांबे के एक बड़े कलश में एकत्र कर सुरक्षित रख लिया था। जिसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रामलला के अभिषेक की मंशा से विहिप को सौंप दिया गया है।

सर्वधर्म के लोगों से हुआ था जल संग्रह
 डॉ. जौली ने बताया कि जल संग्रह में सर्वधर्म के लोगों का सहयोग है। सऊदी अरब से हिंदुओं ने जल भेजा। कजाकिस्तान से मुस्लिम ताज मोहम्मद ने अपने यहां की प्रमुख नदी का जल भेजा। ईरान की एक मुस्लिम महिला ने जल भेजा। कीनिया से सरदारों की मदद से जल संग्रह हुआ। सिंधियों ने खतरा मोल लेकर पाकिस्तान से जल भेजा था।

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