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बस और डंफर में हुईं भिड़त टकराकर बस में लगी भीषड़ आग में बेबस चींखती- चिल्लाती जिंदगियां

  छतरपुर

यह खबर सुनकर भला किसके रोंगटे खड़े नहीं हो जाएंगे, कैसे सफर करते हुए अपने गंतव्य तक जाने की उम्मीद लिए बैठे यात्री अचानक हादसे का शिकार हो जाएं, हादसा भी ऐसा की कई जिंदगियां जिंदा आग की चपेट में आकर मौत की आगोश में सो गई, 13 लोगों की मौत की खबर है ,हादसा मध्य प्रदेश के गुना जिले में हुआ जब आरोन जा रही बस अचानक पहले डंपर से टकराती है और इसके बाद पलटकर आग की आगोश में समा जाती है ,जैसे- तैसे लगभग 15 यात्री मौत के मुंह से निकलकर फिलहाल अस्पताल में उपचाररत है, सूचना पर मौके पर पुलिस फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची,वहीं कलेक्टर एसपी भी मौके पर पहुंचे, फिलहाल सीएम डॉक्टर मोहन यादव सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं ने भी इस दर्दनाक घटना पर शोक व्यक्त किया है ,सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने मृतक परिवार के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है, साथ ही घटना को लेकर जांच के आदेश भी दिए हैं ,सीएम खुद भी गुना घटना स्थल पर पहुंच रहे हैं।

अब जब इतना बड़ा हादसा हुआ है ,कई घर के चिराग बुझ गए, तो शोक सम्वेदनाएँ भी होगी, जांच भी होगी, कार्यवाही करने की बात भी होगी ,शासन और प्रशासन कुछ दिनों तक सख्ती भी बरतेगा,और इसके बाद नतीजा वही ढाक के तीन पात।

 4 मई 2015 कि वह घटना शायद आपको जरूर याद होगी जब छतरपुर से पन्ना जाते वक्त मंडला घाटी में एक बस खाई में पलट गई थी और उसमें आग लग गई थी, खतरनाक हादसे में 22 लोग जिंदा जल गए थे, कुछ दिनों तक सख्ती हुई, लेकिन परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है, न जाने कितनी बसें लोगों की बेबसी का फायदा उठाते हुए सड़कों पर बेधड़क दौड़ रही हैं, कई बसों में ना ही फिटनेस है और ना ही परमिट, वही अधिकांश बसों में क्षमता से अधिक यात्री ठूंस- ठूंस कर भरे जाते हैं ,लोकल बसों में ये तस्वीर कभी भी कहीं भी देखी जा सकती है ।
लेकिन शासन से लेकर प्रशासन कुंभकरणी नींद में सोया रहता है, परिवहन विभाग मलाई खाने में मस्त है ,और जब ऐसी घटनाएं होती हैं तब प्रशासनिक तंत्र जागता है ,कार्रवाइयों के नाम पर खाना पूर्ति होती है ,और कुछ दिन बाद सब कुछ जैसे का तैसा हो जाता है।

 आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई बुजुर्ग महिला अपने नाती को साथ लेकर बस में सफर कर रही हो और अचानक बच्चा बस के अंदर की फर्श से नीचे गिर जाए और उसकी दर्दनाक मौत हो जाए। 19 मई 2023 को दमोह जिले लेकर चैनपुरा गांव के बरखेड़ा तिराहे पर यह दर्दनाक हादसा हुआ था, जब 4 साल का मासूम बच्चा अपनी दादी के साथ बस में सफर कर रहा था और बस के अंदर की फर्स एक जगह से टूटी हुई थी बच्चा उस बड़े छेद से अचानक नीचे गिर गया और बस का पहिया मासूम के ऊपर से निकल गया ,जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई ।मासूम बच्चे का नाम हेमंत देशराज सिंह था।

 जाहिर तौर पर ऐसा हादसा हुआ तो बस पर कार्यवाही भी हुई होगी, लेकिन आप कल्पना कीजिए कि जिस बस की फर्श टूटी हो चलती बस से फर्श पर बनी छेद से एक बच्चा गिर जाए और मौत की नींद सो जाए, उस बस को फिटनेस आखिर परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने कैसे दे रखी थी।

 सड़क पर न जाने कितनी लोकल बसे दौड़ती नजर आती हैं जिन्हें देखकर साफ तौर पर यह कहा जा सकता है, कि यह कभी भी हादसे का शिकार हो सकती हैं, लेकिन हादसा बस के साथ नहीं बल्कि उन बेबस लोगों के साथ होता है, जो इसमें सफ़र करते हैं।

 
मंदसौर के पूर्व विधायक यशपाल सिसोदिया ने एक्स पर लिखा है कि सीएम मोहन यादव ने इस हृदय विधायक घटना को गंभीरता से लिया है और खुद घायलों की कुशलता पूछने निकले हैं, बस में अनेक अनियमितता थी, दोषी के ऊपर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए ।वही ट्रांसपोर्ट एशोसिएशन के सी एल मुकाती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि  बस 15 वर्ष पुरानी है रोड पर कैसे चल रही थी ,फिटनेस बीमा नहीं है ,आरसी डिटेल डाली है, परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ बहुत गहरी है ,मोहन सरकार को सुदर्शन चक्र चलाना पड़ेगा ,विभाग पर।

 एक साथ 13 जिंदगियां जब जिंदा जली और मौत की नींद सो गई हो ,चीख पुकार मची रही हो, तो यह हादसा कभी भी ना भूलने वाला है।

 बहरहाल अब सूबे के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव हैं अपने त्वरित और सख्त फैसलों के लिए चर्चा में भी हैं, उम्मीद तो यही की जाएगी कि वाकई में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो और न सिर्फ ऐसे वाहन चालकों उनके मालिकों पर सख्त कार्यवाही की जाए बल्कि परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों पर भी मोहन का कार्यवाही रूपी सुदर्शन चक्र चले।

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