Sunday , December 22 2024
Breaking News

कौन हैं मसरत आलम जिसकी मुस्लिम लीग पर अमित शाह ने चलाई कैंची, UAPA के तहत ‘अवैध’ घोषित

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में संचालित राजनीतिक दल मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर- मसरत आलम गुट (MLJK-MA) को केंद्र सरकार ने UAPA  के तहत अवैध घोषित कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की है। आरोप है कि इस पार्टी के सदस्य जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और वैसे आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे, जो देश की अखंडता और सुरक्षा को खतरा पहुंचा रहे थे।

अमित शाह के अकाउंट से लिखा गया है,  'मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)'/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक 'अवैध संघ' घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं। पीएम @नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।"

कौन हैं मसरत आलम?
मसरत आलम भट्ट, जो 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, कश्मीरी कट्टरपंथी अलगाववादी समूह ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) के अध्यक्ष हैं। इस पद पर उनकी नियुक्ति 2021 में हुई थी। 50 वर्षीय मसरत आलम पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में मामला दर्ज किया है।  2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मामला दर्ज होने के कारण वह लगातार गिरफ्तारी में हैं।

स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलम के खिलाफ 27 FIR दर्ज हैं। उनके खिलाफ 36 बार PSA के तहत मामला दर्ज किया गया है। मार्च 2015 में, मसरत आलम को रिहा कर दिया गया था, जिससे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के खिलाफ विरोध शुरू हो गया, जो उस समय भारतीय जनता पार्टी के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल थी।

श्रीनगर में तब सैयद अली शाह गिलानी के स्वागत के लिए एक रैली में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के बाद तत्कालीन मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार ने मसरत को 'देशद्रोह' और 'राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने' के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले मसरत आलम ने 2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 120 से अधिक कश्मीरी युवा मारे गए थे।

 

About rishi pandit

Check Also

मुंबई के वडाला इलाके में एक और दर्दनाक हादसा, मासूम को SUV कार ने कुचला, मौत

मुंबई मुंबई के वडाला इलाके में एक और दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें तेज रफ्तार से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *