- वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा प्रस्ताव, मुख्यमंत्री लेंगे अंतिम निर्णय
- केंद्र सरकार जुलाई 2023 से अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाकर 46 प्रतिशत कर चुकी है
- राज्य सरकार ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा था लेकिन मतदान तक रुकने के निर्देश दिए थे
Madhya pradesh bhopal da hike in mp mp employees may get four percent dearness allowance in the new year: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश के सात लाख से अधिक नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों को सरकार नव वर्ष में चार प्रतिशत महंगाई भत्ते का उपहार दे सकती है। अभी कर्मचारियों को 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 46 प्रतिशत किया जाना है। वित्त विभाग ने प्रस्ताव तैयार करके मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव करेंगे।
विधानसभा चुनाव के कारण नहीं हो पाया था निर्णय
केंद्र सरकार जुलाई 2023 से अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाकर 46 प्रतिशत कर चुकी है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण इस पर निर्णय नहीं हो पाया था। राज्य सरकार ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा था लेकिन मतदान तक रुकने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से मामला अटका हुआ है। सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग ने प्रस्ताव बनाकर अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है। दरअसल, जनवरी में फिर केंद्र सरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि कर सकती है। प्रतिवर्ष जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है।
अगले वर्ष के लिए 56 प्रतिशत के हिसाब से तैयारी
उधर, वित्त विभाग ने वर्ष 2024-25 के लिए 56 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ते का प्रविधान बजट में रखने की तैयारी की है। सभी विभागों को निर्देश गए हैं कि स्थापना व्यय में तीन प्रतिशत वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते व राहत के लिए 56 प्रतिशत के अनुसार प्रविधान रखा जाए। संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में आठ प्रतिशत की वृद्धि के हिसाब से प्रविधान रखा जाएगा। दरअसल, विधानसभा चुनाव के पहले शिवराज सरकार ने संविदा कर्मचारियों के वेतन-भत्ते बढ़ा दिए थे। इसके लिए अनुपूरक बजट में भी प्रविधान किया जाएगा।
महंगाई राहत बढ़ाने छत्तीसगढ़ से मांगी जाएगी सहमति
महंगाई भत्ते में वृद्धि का निर्णय होने के बाद पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति मांगी जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 में महंगाई राहत में वृद्धि के लिए दोनों राज्यों की बीच सहमति होना अनिवार्य है क्योंकि विभाजन के पूर्व के कर्मचारियों को किए जाने वाले भुगतान में दोनों राज्यों का अंशदान होता है।