Thursday , January 16 2025
Breaking News

कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के खिलाफ बूस्टर डोज लगवानी है या नहीं? कोविड पैनल के चीफ ने बताया

नई दिल्ली.

देश में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। खासतौर से कोविड-19 का नया वैरिएंट JN.1 का पता चलने के बाद चिंता काफी बढ़ गई है। इस बीच सवाल उठ रहा है कि क्या नए वैरिएंट के खिलाफ अलग से बूस्टर डोज लगवानी पड़ेगी? इंडिया SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने ऐसे सवालों का जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सबवैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक की जरूरत नहीं है। डॉ. अरोड़ा ने कहा, 'उन सभी लोगों को बचाव की आवश्यकता है जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है। इन लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक है। वे लोग भी सावधानी बरतें जो ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो हमारी प्रतिरक्षा को कमजोर कर देती हैं… कैंसर रोगियों की तरह।' अरोड़ा ने कहा कि अगर अब तक वे लोग सावधानी नहीं बरत रहे थे तो अब उन्हें अलर्ट हो जाने की जरूरत है। फिलहाल कोरोना टीके किसी अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता नहीं है।

जानें नए वैरिएंट से कितना गंभीर खतरा
INSACOG प्रमुख ने कहा, 'यह सही बात है कि ओमीक्रॉन के कई सारे सबवैरिएंट मिले हैं मगर उनमें से किसी ने भी गंभीर खतरे नहीं दिखाए हैं। हर हफ्ते ही आप अलग-अलग हिस्सों से नए वैरिएंट मिलने की खबर सुनते होंगे।' उन्होंने कहा कि हम इस वायरस के बड़ी संख्या में सबवैरिएंट (400 से अधिक) की पहचान कर चुके हैं। सौभाग्य से इनमें से कोई भी ओमीक्रॉन वैरिएंट खतरनाक साबित नहीं हुआ है। इनके संक्रमण से किसी गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है।

JN.1 वैरिएंट के संक्रमण के लक्षण कितने अलग?
डॉ. अरोड़ा ने जेएन.1 के लक्षणों को लेकर कहा कि वे दूसरे सबवैरिएंट्स के समान ही हैं। उन्होंने कहा, 'लक्षण इस आधार पर बहुत हद तक समान हैं कि जेएन.1 संक्रमितों में भी बुखार, नाक बहना और खांसी की शिकायत मिली है। कभी-कभी दस्त और गंभीर शरीर दर्द भी हो सकता है। आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति दो से पांच दिनों में ठीक हो जाते हैं।' उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा हो। जेएन.1 अब तक के सभी आइसोलेट्स के 1% से भी कम है।

About rishi pandit

Check Also

इसरो ने एक बार फिर रचा इतिहास, स्पेस में जोड़ दीं सैटेलाइट; ऐसा करने वाला चौथा देश बना भारत

नई दिल्ली  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में दो सैटेलाइट्स की सफलतापूर्वक डॉकिंग …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *