Bhaiyyu Maharaj Suicide case:digi desk/BHN/ भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में मंगलवार को महाराज के सेवादार रहे मनमीत सिंह का प्रतिपरीक्षण पूरा हुआ। उसने स्वीकारा कि उसके नाम की सिम ही महाराज की पत्नी आयुषी इस्तेमाल करती थी। उसने कभी इस पर आपत्ति नहीं ली। हालांकि महाराज की मौत के बाद उसने इस सिम को बंद करवा दिया था। मनमीत सिंह ने कोर्ट को यह भी बताया कि महाराज ने कभी आरोपित विनायक या शरद द्वारा मानसिक रूप से परेशान करने की बात नहीं बताई थी। प्रकरण में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। इस दिन एक गवाह को तलब किया गया है।
भय्यू महाराज आत्महत्या केस में अब तक महाराज की बेटी कुहू और उनकी दोनों बहनों के बयान हो चुके हैं। महाराज ने 12 जून 2018 को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने उन्हीं के सेवादार रहे पलक, शरद और विनायक को महाराज को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने महाराज के एक अन्य सेवादार मनमीत सिंह का वारंट जारी करते हुए उसे बयान के लिए तलब किया था। आरोपित की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि गवाह मंगलवार को उपस्थित हुआ। प्रतिपरीक्षण में उसने बताया कि वह महाराज के साथ कई यात्राओं में साथ रहा है। आत्महत्या से कुछ घंटे पहले भी महाराज ने उससे फोन पर बात की थी। महाराज ने कभी विनायक या शरद द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की बात नहीं बताई थी। मनमीत सिंह ने यह भी बताया कि उसके नाम की सिम महाराज की पत्नी आयुषी इस्तेमाल करती थी। यह सिम उसने महाराज को दी थी। महाराज की मृत्यु के बाद उसने स्वयं ही सिम बंद करवा दी थी।
आरोपितों के आवेदन पर टली बहस
पिछली सुनवाई पर आरोपितों ने कोर्ट में आवेदन देकर मांग की थी कि पुलिस द्वारा मौके से जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मोबाइल, लैपटॉप की कॉपी उन्हें दिलवाई जाए। शासन आवेदन पर जवाब दे चुका है। कोर्ट अगली सुनवाई पर मामले में बहस सुनेगी।