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टाटा कंसल्टिंग विराट रामायण मन्दिर का करेगी सुपरविजन: आचार्य किशोर

पटना
महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण का पर्यवेक्षण कर रही टाटा कंसल्टिंग अब महावीर मन्दिर द्वारा बिहार के पूर्वी चंपारण में निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर का सुपरविजन भी करेगी।

इस संबंध में टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड और महावीर मन्दिर न्यास के बीच करार हुआ है। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बुधवार को महावीर मन्दिर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड विराट रामायण मन्दिर के संपूर्ण कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता, तकनीक आदि सभी पहलुओं का सुपरविजन करेगी। कंपनी को विराट रामायण मन्दिर का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट यानी पीएमसी का महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है।

 कंपनी अयोध्या के राम मन्दिर के निर्माण में इसी भूमिका में काम कर रही है। टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भी पीएमसी के तौर पर कार्य कर रही है। उस परियोजना के डिजा इन से कंस्ट्रक्शन सुपरविजन तक का काम टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड ही देख रही है। टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के सुपरविजन में विराट रामायण मन्दिर की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित हो गयी है।

टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के महाप्रबंधक सौरभ मूले ने बताया कि उनकी कंपनी महावीर मन्दिर की ओर से विराट रामायण मन्दिर के निर्माण की गुणवत्ता, संरक्षा, डिजाइन, टाइम लाइन आदि का पर्यवेक्षण करेगी। निर्माण में आनेवाली तकनीकी बाधाओं को भी दूर करेगी। कंपनी के विशेषज्ञ केसरिया-चकिया के बीच निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर के कार्यस्थल पर रहकर सारे कार्यों को देखेंगे।वर्ष 2025 तक यह मन्दिर बनकर तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के सहायक महाप्रबंधक राहुल सारडा भी मौजूद थे।

गौरतबल है कि अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर स्थित विराट् रामायण मन्दिर 140 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। मुख्य मन्दिर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा और 270 फीट ऊंचा है। मन्दिर में 33 फीट ऊंचा और 33 फीट गोलाकार शिवलिंग भी स्थापित होगा। विश्व का यह सबसे बड़ा शिवलिंग होगा जिसमें एक हजार छोटे शिवलिंग भी होंगे। इसे सहस्रलिंगम के रूप में जाना जाता है। भारत में आठवीं सदी तक सहस्रलिंगम के प्रमाण हैं।

विराट रामायण मन्दिर के सहस्रलिंगम का वजन 200 मीट्रिक टन होगा। तमिलनाडु के महाबलिपुरम में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर विशालतम शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा है। विराट रामायण मन्दिर में कुल 22 देवालय होंगे। मन्दिर में कुल 12 शिखर हैं, जिनमें दूसरा बड़ा शिखर 198 फीट का है। इसके अलावा 180 फीट के 4, 135 फीट का 1 और 108 फीट के 4 शिखर होंगे। इसी साल 20 जून को विराट रामायण मन्दिर के पाइलिंग का काम शुरू हुआ है।

 

 

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