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Security: अगले आदेश तक नहीं जारी होंगे दर्शक दीर्घा के ‘पास’, संसद की सुरक्षा में चूक के बाद सख्ती

Parliament security breach exposes inadequate security measures know five points how laps happened: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा सदन में बुधवार को एक घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को होश उड़ा दिया हैं। लोकसभा कार्यवाही के दौरान सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। दर्शक दीर्घा में बैठे दो लोगों ने सभी को उस वक्त चौंका दिया, जब वे अचानक वहां से कूदकर सांसदों के बीच जा पहुंचे। इस दौरान आरोपियों ने जमकर हंगामा किया। दोपहर को सदन के भीतर मौजूद दो आरोपियों में से एक आरोपी सासंदों की सीट पर जा पहुंचा। इस घटना को देखकर वहां पर मौजूद सासंदों और सुरक्षा कर्मियों के हाथ पांव फूल गए। आरोपी ने वहां मौजूद सांसदों की सीट पर हंगामे के दौरान ‘कलर स्मॉग’ छोड़ दिया। जिसके बाद सदन में अफरातफरी का मौहाल बन गया था। सभी सांसद अपनी-अपनी जगहों से हट गए। हालांकि एक आरोपी को वहां मौजूद सांसदों और सुरक्षा कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद पकड़ लिया और जमकर धुनाई की। 

अगले आदेश तक नहीं मिलेगा दर्शन दीर्घा का ‘पास’
मामले की गंभीरता को देखते हुए लोकसभा महासचिव ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि अगले आदेश तक दर्शन दीर्घा के लिए कोई भी पास जारी नहीं करने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों की मानें तो स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों के निजी सहायकों को पास जारी करने से संबंधित मामले की भी जिम्मेदारी संभाल ली है।

अत्याधुनिक जांच उपकरणों से लैस होगा संसद
घटना के बाद संसद की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। जिसके तहत मुख्य द्वार से सिर्फ सांसद ही प्रवेश कर पाएंगे, वहीं अलग द्वार से मीडियाकर्मियों और स्टाफ कर्मियों को प्रवेश की अनुमति होगी। दर्शक दीर्घा में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। दर्शक दीर्घा कांच के शीशा लगाया बंद कर दिया जाएगा, जिससे वहां से किसी भी संदिग्ध के कूदने की गुजाइश नहीं रहेगी। साथ ही एयरपोर्ट की तर्ज पर सुरक्षा को ध्यान में रहते हुए अब संसद भवन में ‘बॉडी स्कैन मशीन’ को लगाया जाएगा।

ओम बिरला ने उच्च स्तरीय जांच के दिए आदेश
संसद की सुरक्षा में चूक को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए लोकसभा सदस्यों, सुरक्षा कर्मियों, चैंबर स्टाफ, मार्शलों की सराहना की है। घटना के बाद कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की घटना चिंता का विषय है। हम इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की जाएगी।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक
घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुरक्षा में चूक मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसमें कई विपक्षी दल भी शामिल थे। इस दौरान ओम बिरला ने घटना की जानकारी से अवगत कराया। सर्वदलीय बैठक में टीएमसी सांसद ने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा पर कार्रवाई की मांग की है। बता दें सांसद प्रताप सिम्हा ने ही आरोपियों को कार्यवाही देखने के लिए पास जारी किया था। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदस्यों ने अध्यक्ष के साथ बैठक के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कई खामियों को उजागर किया। गौरतलब है की 2001 में हुए संसद पर आतंकी हमले की 22 वीं बरसी पर एक बार भी बड़ी सुरक्षा चूक दिखाई थी। जब लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से कूदकर सांसदों के बीच जा पहुंचे थे। 

सांसदों की सीट पर छोड़ा ‘कलर स्मॉग’- कार्ति
पूरी घटनाक्रम को याद करते हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिंदबरम ने कहा लोकसभा में कार्यवाही के दौरान सुरक्षा घेरे को लांघ कर अचानक दो लोग दर्शन दीर्घा से कूदकर सांसदों की सीट पर जा पहुंचे। उनके हाथ में कलर स्मॉग छोड़ा था, जिसे उन्होंने अचानक छोड़ दिया। इस दौरान दो लोगों ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। हंगामे के बीच कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। यह घटना उस दौरान हुई जब भाजपा सांसद अपना मुद्दा उठा रहे थे। बता दें जिस वक्त लोकसभा सदन में दो व्यक्ति सांसदों के बीच पहुंचकर हंगामा कर रहे थे, उसी दौरान संसद परिसर के बाहर एक महिला समेत दो व्यक्तियों ने रंगीन गैस का छिड़काव किया, नारेबाजी की। 

सांसद प्रताप सिम्हा ने जारी किए थे आरोपियों को ‘पास’
भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के आदेश पर बुधवार को तीन पास जारी किए गए। सूत्रों के मुताबिक कहा गया कि एक महिला को वापस लौटा दिया गया था, क्योंकि वह अपने बच्चे के साथ आई थी। हालांकि महिला का दोनों आरोपियों से कोई संबंध नहीं था। बताया जा रहा है आरोपी मनोरंजन लगातार तीन माह से ‘पास’ के लिए सांसद सिम्हा और उनके कार्यालय का चक्कर लगा रहा था। पूरे मामले पर सांसद सिम्हा के कार्यालय ने कहा कि सांसद आमतौर पर अपने निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों के ऐसे अनुरोधों पर विचार करते हैं। 

क्या है मामला
लोकसभा सदन में गुरुवार दोपहर उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब सदन में मौजूद दर्शन दीर्घा से दो व्यक्ति कार्यवाही के दौरान सांसदों के बीच कूद गए। इस दौरान आरोपियों द्वारा कलर स्मॉग सदन के भीतर छोड़ा गया। सांसदों की सीट पर जाकर आरोपी द्वारा हंगामा किया। उस दौरान मौजूद सांसदों, सुरक्षा कर्मियों ने आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, जब एक आरोपी की तलाश जारी है।

45 मिनट का पास, दो घंटे मौजूदगी, फिर भी नजर से बच गए

जब देश के नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था, तब सरकार ने दावा किया था कि संसद की नई इमारत पुरानी की तुलना में अधिक सुरक्षित है। ऐसे में बुधवार को लोकसभा में हुए घटनाक्रम ने सरकार के इस दावे पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके साथ ही सुरक्षा प्रोटोकॉल में कमियों को भी उजागर कर दिया है। हम आपको सात बिंदुओं में बताएंगे कि संसद हमले की बरसी वाले दिन जब सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखा जाना चाहिए था तब इसमें कोताही कैसे हुई।

सदन के बाहर पहले से हो रहे प्रदर्शन से सबक नहीं

सदन के भीतर हुई इस घटना से पहले ट्रांसपोर्ट भवन के बाहर दो लोग प्रदर्शन करते दिखे। इनमें से एक महिला भी थी। इनके हाथ में कलर स्मॉग था। दोनों ने बाहर इसका छिड़काव किया। दोनों को सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया। अब यह बात भी सामने आ रही है कि चारों एक-दूसरे को जानते थे। लेकिन जब पहले से ही बाहर प्रदर्शन हो रहा था तो भी किसी ने इससे सबक नहीं लिया और सुरक्षा में लापरवाही की गई। 

जूते में कैसे छिपाकर लाए कलर स्मॉग

यह घटना बुधवार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर हुई। लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल शून्य काल की कार्यवाही को संचालित कर रहे थे। तभी दो शख्स दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए। नीले रंग की जैकेट पहने एक युवक सांसदों की सीट पर कूद गया। जब वह लगभग तीन कतार लांघकर आसन की तरफ पहुंचा। तभी उस युवक ने जूते के अंदर से कुछ पदार्थ निकाला। इसके बाद वहां पीले रंग का धुआं उठने लगा। इस घटनाक्रम से यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि कैसे दो आरोपी पूरी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए जूते में छिपाकर कलर स्मॉग छिपाकर लोकसभा में घुस गए।

दर्शक दीर्घा की ऊंचाई कम
बुधवार को दर्शक दीर्घा से जिस तरीके से युवक चल रहे सदन के दौरान दर्शक दीर्घा से नीचे कूद कर सनसनी फैला दी। इसके बाद से संसद की नई बिल्डिंग से लेकर दर्शक दीर्घा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कई सांसदों ने इस घटना के बाद कहा कि नई संसद में दर्शक दीर्घा की ऊंचाई पुरानी इमारत की तुलना में कम रखी गई है। पुरानी इमारत में दर्शक दीर्घा और सांसदों के बैठने की बीच की ऊंचाई इतनी ज्यादा थी कि किसी के लिए कूदना बहुत मुश्किल था। लेकिन नए भवन में ऐसा नहीं है। इस वजह से यह बेहद रिस्की है। 

45 मिनट के पास पर दो घंटे अंदर रहे आरोपी
सामने आया है कि लोकसभा में इस दुस्साहस को अंजाम देने वाले आरोपियों, मनोरंजन डी और सागर शर्मा को जो पास दिए गए थे वे सिर्फ 45 मिनट के लिए वैध थे, लेकिन नियमों का मखौल उड़ाते हुए वे करीब दो घंटे तक दर्शक दीर्घा में रहे। वहीं, बड़ी बात ये है कि संसद में तैनात रहने वाले सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इतनी देर तक बाहर नहीं निकाला। 

2001 में हमले की घटना के बाद आई सिफारिशों को नहीं किया गया लागू
इस बीच, संसद के पूर्व सुरक्षा प्रमुख वी. पुरूषोत्तम राव ने भी इस घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 2001 के संसद हमले की घटना के बाद नियुक्त लोकसभा के तत्कालीन उपाध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। अगर सिफारिशों को लागू किया गया होता तो तरह की घटना से बचा जा सकता था। राव ने कहा कि समिति की सिफारिशों में से एक संसद की आगंतुक गैलरी में बुलेट-प्रूफ ग्लास स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि मुझे किसी की आलोचना नहीं करनी चाहिए, लेकिन सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन नहीं किया गया है। गौरतलब है कि राव सीआरपीएफ में डीआइजी रैंक के अधिकारी थे और 1999 से 2004 तक संसद में सुरक्षा के प्रभारी थे।

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