Saturday , November 23 2024
Breaking News

इस्लामिक समूह ने अनुच्छेद 370 पर SC के फैसले को बताया अवैध, भारत ने लगा दी क्लास

नई दिल्ली
अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले की आलोचना करने वाले मुस्लिम देशों को भारत ने कड़ी फटकार  लगाई है। दरअसल मुस्लिम देशों के अंतरराष्ट्रीय समूह इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले की आलोचना की थी। अब इस पर भारत सरकार का की प्रतिक्रिया सामने आई है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में इस्लामिक सहयोग संगठन की आलोचना की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस समूह ने "सीमा पार से आतंकवाद को भेजने वाले" के इशारे पर बयान जारी किया। इससे उनकी (समूह) की विश्वसनीयता कम हुई है। उन्होंने मंगलवार को जारी बयान को भारत ने ''गलत जानकारी वाला और गलत इरादे वाला'' बताया।

बागची ने कहा, "भारत भारतीय सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव द्वारा जारी बयान को खारिज करता है। यह गलत सूचना और गलत इरादे वाला है।" उन्होंने कहा, "ओआईसी मानवाधिकारों के सिलसिलेवार उल्लंघनकर्ता और सीमा पार आतंकवाद को पालने वाले के इशारे पर ऐसा करता है, जिससे उसकी कार्रवाई और भी संदिग्ध हो जाती है। ऐसे बयान केवल ओआईसी की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं।"

मंगलवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव ने फैसले पर "चिंता" व्यक्त की। इसने अनुच्छेद 370 को हटाने को "अवैध और एकतरफा" बताया और इसे वापस लेने की मांग की। ओआईसी ने बयान में कहा, "जनरल सचिवालय आत्मनिर्णय के अधिकार की तलाश में जम्मू और कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता की पुष्टि करता है और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनुसार जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपना आह्वान दोहराता है।" इस्लामिक सहयोग संगठन के चार महाद्वीपों में 57 सदस्य देश हैं। यह खुद को मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के रूप में बताता है।

 

About rishi pandit

Check Also

तेलंगाना ने सर्वश्रेष्ठ अंतर्देशीय मत्स्य पालन 2024 का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता

हैदराबाद तेलंगाना को वर्ष 2024 के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *