पेशावर
उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में मंगलवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि यह एक आत्मघाती हमला था। आतंकियों ने डेरा इस्माइल खान जिले के दाराबा इलाके में विस्फोटक से भरी कार को एक इमारत से टकरा दिया। इस हमले में कम से कम दो दर्जन सैनिकों की मौत हो गई है। जबकि 16 सैनिक घायल रहे हैं। डेरा इस्माइल खान का दरबान वह जिला है जहां पर आतंकी गतिविधियों में इजाफा होता जा रहा है। यह जिला खैबर पख्तून्ख्वां के करीब है और यह जगह तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) का गढ़ है। इस वजह से दरबान भी आतंकी घटनाओं का खामियाजा भुगत रहा है।
4 आतंकी हुए ढेर
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक आतंकियों ने एक पुलिस स्टेशन और आर्मी बेस को निशाना बनाया है। इस हमले में 23 सैनिकों के मारे जाने की खबरें हैं। जियो न्यूज के मुताबिक सुरक्षा बलों ने गोलीबारी के दौरान चार आतंकवादियों को भी मार गिराया। इससे पहले खबर आई थी कि हमले में तीन पुलिस अधिकारी मारे गए हैं। एएफपी ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि कई लोगों की मौत तब हुई जब वो सो रहे थे और आम कपड़ों में थे। इसलिए इस बात को भी सुनिश्चित नहीं किया जा पा रहा है कि जो मारे गए थे क्या वह सभी सैन्यकर्मी थे।
टीजेपी ने कराया हमला
इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने ली है। इस संगठन ने पाकिस्तान में कुछ बड़े हमलों का दावा किया है। ग्रुप के प्रवक्ता मुल्ला कासिम ने इसे आत्मघाती मिशन हमला करार देते हुए कहा कि इसे मावलवी हसन गंडापुर ने अंजाम दिया था। इस संगठन के बारे में ज्यादा कोई नहीं जानता है। लेकिन कुछ लोग इसे टीटीपी का ही हिस्सा कहते हैं। पिछले साल पाकिस्तान में खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। हमलों में इस प्रांत में कम से कम 470 सुरक्षाकर्मी और नागरिकों की मौत हुई है। जियो न्यूज की मानें तो अकेले एक साल में इस प्रांत में 1050 आतंकी घटनाएं हुई हैं।
आतंकी हमलों सैंकड़ों मौतें
प्रांत के गृह विभाग और जनजातीय मामलों के रिकॉर्ड के अनुसार पिछले तीन सालों के दौरान 1823 आतंकी घटनाओं में 698 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। पिछले साल पाकिस्तान-अफगान सीमा पर सात क्षेत्र आतंकवाद के हॉटस्पॉट के तौर पर करार दिए गए हैं। इन क्षेत्रों में पेशावर, खैबर, उत्तरी वजीरिस्तान, दक्षिणी वजीरिस्तान, डेरा इस्माइल खान, बाजौर और टैंक शामिल हैं। 1050 आतंकी-संबंधी घटनाओं में से, बंदोबस्ती में 419, फाटा में 631, उत्तरी वजीरिस्तान में 201, खैबर में 169, दक्षिणी वजीरिस्तान में 121, डेरा इस्माइल खान में 98, बाजौर में 62, टैंक और पेशावर में 61-61 घटनाएं दर्ज की गईं हैं।
पाकिस्तानी एजेंसियों का कहना है कि इस आतंकी हमले को एक आत्मघाती हमलावर ने कुछ अन्य आतंकियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। आत्मघाती हमलावर विस्फोटक से भरी गाड़ी लेकर पुलिस थाने के अंदर चला गया। उसे रोका गया तो फायरिंग शुरू हो गई। इस हमले में आतंकियों ने बमों के अलावा बंदूकों का भी इस्तेमाल किया। इतने बड़े हमले के लिए सेना और पुलिस तैयार नहीं थे। इसलिए बड़ा नुकसान झेलना पड़ गया। आतंकी हमले के तुरंत बाद बड़ी संख्या में सेना को बुलाया गया और उसने पोजिशन लेकर मुठभेड़ शुरू कर दी है।
अफगानिस्तान से लगते जिले में अटैक, अलग-बगल हैं थाना और आर्मी बेस
यह हमला अफगानिस्तान की सीमा से लगने वाले जिले डेरा इस्माइल खान में हुआ है। फिलहाल पाकिस्तान की सेना की ओर से इस हमले को लेकर कोई बयान नहीं आया है। यह भी साफ नहीं है कि हमलावर आतंकी संगठन का पाकिस्तान तालिबान से कोई लेना-देना है या नहीं। यह हमला ऐसी जगह पर हुआ, जहां पुलिस थाने और आर्मी बेस पास में ही अलग-अलग ही बने हुए हैं।
अब भी चल रही मुठभेड़, पेशावर हमले की आ गई याद
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान ने ली है। हमला तब हुआ, जब एक विस्फोटक से लदी गाड़ी पुलिस स्टेशन के गेट से आकर टकरा गई। इसके बाद कुछ आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और मुठभेड़ शुरू हो गई। इसी साल जनवरी में पेशावर में एक मस्जिद में बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था। इस अटैक में 101 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में बीते कुछ महीनों में पुलिस थानों और सेना को टारगेट कर आतंकी हमलों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।