Friday , May 16 2025
Breaking News

महुआ मोइत्रा निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं

नई दिल्लीः

तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कैश फॉर क्वेश्चन मामले में एथिक्स कमिटी की सिफारिश के बाद महुआ की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई थी. गौरतलब है कि महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद एथिक्स कमिटी का गठन किया गया और फिर एथिक्स कमिटी ने लोकसभा में लंबी जांच-पड़ताल के बाद शुक्रवार को रिपोर्ट सौंपा था.

रिपोर्ट में एथिक्स कमिटी ने लोकसभा अध्यक्ष से महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की थी. रिपोर्ट पेश होने के बाद लोकसभा में करीब एक घंटे तक चर्चा चली और फिर महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने का प्रस्ताव जारी किया गया, जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था, ‘यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है.’

कृष्णानगर लोकसभा सीट से पहली बार संसद पहुंचीं मोइत्रा को शुक्रवार को संसद से निष्कासित कर दिया गया. लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के लिए जिम्मेदार ठहराया गया जिससे उनके निष्कासन का रास्ता बना. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए मोइत्रा ने इस फैसले की तुलना ‘कंगारू अदालत’ द्वारा सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है. असम के कछार जिले में 1974 में जन्मी मोइत्रा की शुरुआती शिक्षा कोलकाता में हुई और फिर वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गयीं.

न्यूयॉर्क और लंदन में जेपी मॉर्गन चेज़ में निवेश बैंकर रहीं मोइत्रा ने राहुल गांधी की ‘‘आम आदमी का सिपाही’’ पहल से प्रेरित हो कर राजनीति का रुख किया. उन्होंने 2009 में कांग्रेस की युवा इकाई में शामिल होने के लिए लंदन में अपना हाई-प्रोफाइल बैंकिंग करियर त्याग दिया। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई में तैनात की गयीं मोइत्रा ने पार्टी के नेता सुब्रत मुखर्जी के साथ निकटता से काम किया.

About rishi pandit

Check Also

असम के पंचायत चुनावों में बीजेपी और उसके सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी

गुवाहाटी असम के पंचायत चुनावों में बीजेपी और उसके सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *