- इंदौर के नौलखा में सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर कमल किशोर धामंदे और रमा की हुई थी हत्या
- आरोपित पिता के एटीएम कार्ड अपने साथ ले गया था, जिससे उसने डेढ़ लाख रुपये निकाले
- फरारी के दौरान उसने गोवा में क्रूज पर पार्टी की। पैसे खत्म होने पर बीच पर रहने लगा था
Madhya pradesh indore breaking accused of double murder in indore arrested from goa was absconding after killing father and sister: digi desk/BHN/इंदौर/ पिता और बहन की हत्या करने वाले आरोपित 43 वर्षीय पुलिन धामंदे को पुलिस ने सोमवार को गोवा से गिरफ्तार किया। आरोपित हत्या करने के बाद ट्रेन से वडोदरा और गोवा गया। घटना वाले दिन बहन ने उसे दवा न लेने पर रिहेब सेंटर भेजने की बात कही थी। इसी बात से गुस्सा होकर उसने वसुधैव कुटुंबकम अपार्टमेंट (नौलखा) में सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर पिता कमल किशोर धामंदे (76) और बहन रमा (53) की मूसली मारकर हत्या कर दी थी।
आरोपित इतना शातिर है कि वह घटना के बाद आसानी से फरार हो गया और 15 दिनों तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया। आरोपित सिजोप्रेनिया (मनोरोगी) है, लेकिन उसे सभी चीजें पता थी कि हत्या करने के बाद कैसे और कहां जाना है। इसलिए वह अपने साथ मोबाइल भी लेकर नहीं गया था। आरोपित अपने साथ पिता के एटीएम कार्ड लेकर गया था, जिनमें से उसने डेढ़ लाख रुपये खर्च कर दिए थे। वहीं गोवा में फरारी के दौरान आरोपित ने क्रूज पर पार्टी की। पैसे खत्म होने पर बीच पर रहने लगा था। पुलिस भी आरोपित तक एटीएम कार्ड की मदद से ही पहुंच पाई है।
पकड़ने के लिए लगाई थी दो टीमें
अधिकारियों ने बताया कि आरोपित को पकड़ने के लिए हमने दो टीमें लगाई थीं। पहले टीम गुजरात गई थी। यहां एटीएम के उपयोग के मुताबिक पहुंचे, लेकिन तब तक वह गोवा पहुंच चुका था। इसके बाद टीम तीन दिनों तक उसे स्थानीय पुलिस की मदद से ढूंढती रही। इसके बाद उसकी पहचान कर गिरफ्तार किया।
हत्या के दूसरे दिन तक घर में ही रहा
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि घटना वाले दिन बहन दवा लेने का बोल रही थी, नहीं लेने पर फोन उठाकर कह रही थी कि रिहेब सेंटर भेज देंगे। इसके बाद अंदर जाकर मूसली लेकर आया, बहन को मारने लगा तो पिता बीच में आ गए। पहले पिता पर हमला किया और फिर बाद में बहन को भी मार दिया। मारने के बाद भी एक दिन तक घर पर ही रहा। साथ ही पुलिस को बताया कि वह मानसिक रूप से सही है। माता-पिता और तीन बहनें बार-बार कहती थी कि वह पागल है। इसके लिए उसे चार बार रिहेब सेंटर भी भेजा जा चुका है। तीनों बहनें, माता-पिता का सहारा लेते हुए प्रापर्टी हड़पना चाहती हैं, इसलिए यह कदम उठाया। वहीं शादी न होने के कारण वह गुस्से में था। उसे ऐसा भी लगता था कि तीन बहनों को जो प्यार माता-पिता से प्यार मिला, वह उसे कभी नहीं मिला था।
आरोपित को नहीं हैं कोई मलाल
आरोपित पुलिस के सामने बिल्कुल सामान्य बात कर रहा है। पुलिस के सभी सवालों के जवाब भी सही दे रहा है। पूछताछ में उसे देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा है कि उसे हत्या करने का कोई मलाल भी है। वह दिखने और बात करने में ऐसा नहीं लगता है कि मनोरोगी है। हालांकि बीच-बीच में थोड़ी याददाश्त कमजोर लग रही थी।
शव से बदबू आई तो पाउडर डाला
आरोपित ने हत्या के बाद दोनों के शव को कमरे में बंद कर दिया था। इसके बाद शव से बदबू आने लगी तो उसने उन पर पाउडर भी डाला था। यहां के बाद वह मां को मारने के लिए भी सिलिकान गया था, लेकिन वह उसे वहां नहीं मिली।
पिता ने एटीएम के पीछे लिखा था पासवर्ड
मृतक पिता की उम्र अधिक होने के कारण उन्होंने याददाश्त के लिए अपने सभी एटीएम कार्ड के पीछे ही पासवर्ड भी लिख रखे थे, जिससे आरोपित एटीएम से पैसे निकाल सका। आरोपित नार्थ गोवा में पणजी से पकड़ाया है।
आरोपित तक ऐसे पहुंची पुलिस
आरोपित फरारी के दौरान मोबाइल या अन्य कोई तकनीकी गैजेट का उपयोग भी नहीं कर रहा था। वह अपने साथ पिता के चार एटीएम कार्ड साथ लेकर गया था। इससे उसने ट्रांजेक्शन किए, जिसके आधार पर पुलिस द्वारा तकनीकी जांच से पता चला कि आरोपित वडोदरा (गुजरात) में है। टीम वहां पहुंची तो पता चला कि वह गोवा में है। इसके बाद टीम गोवा पहुंची और आरोपित की मिली लोकेशन के पास बस स्टैंड स्थित होने से आसपास कई दुकान, लाज, धर्मशाला, होटल आदि में जाकर पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी।
50 कैमरों से फुटेज निकाल तैयार किया रूट मैप
इसके बाद आरोपित की लोकेशन के आसपास के करीब 50 सीसीटीवी कैमरा के वीडियो फुटेज निकाले और उसके आने जाने का रूट मैप तैयार कर तलाश की गई, जिसमें दिखाई दिया कि वह एक होटल में रुका था। उसमें से वह कुछ दिन बाद चेक आउट कर चला गया है। पुलिस ने फिर से फुटेज के आधार पर रूट मैप तैयार किया और वहां रहने वाले ट्रैवल एजेंट, ट्रैवल गाइड, टैक्सी ड्राइवर को आरोपित की पेंपलेट बनाकर दिखाई और वितरित की। इसमें सामने आया कि वह सुबह-शाम बस स्टैंड पर आते-जाते देखा गया है। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को बीच से पकड़ा। आरोपित के पर 10 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था।
दवा खिलाने के लिए करनी पड़ती थी मशक्कत
मानसिक रोगी पुलिन को दवा खिलाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती थी। इस मामले में वह पिता और बड़ी बहन रमा की ही बात सुनता था। कुछ दिनों से वह दवा नहीं ले रहा था। 20 साल से उसका उपचार करवा रहे थे। इससे वह बात-बात पर उग्र हो जाता था।