- फर्जी फर्म बनाकर किया 200 करोड़ का घोटाला, ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया केस
- नीमच व इंदौर के कारोबारियों ने 80 लोगों के नाम पर बनाई 39 फर्जी फर्म
- मामले में शिकायतकर्ता दीपक अरोड़ा को भी आरोपित बनाया गया
Madhya pradesh ujjain scam of crores rupees done by creating fake firm in ujjain eow registered case: digi desk/BHN/उज्जैन/ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को 200 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में केस दर्ज किया है। नीमच व इंदौर के दो कारोबारियों ने उज्जैन, इंदौर, नीमच व दिल्ली में 39 फर्जी कंपनियां बनाईं और तेल व खली के व्यापार के नाम पर 200 करोड़ रुपये का लेनदेन दर्शाकर काले धन को सफेद कर दिया। फर्जी ट्रांसपोर्ट से माल का परिवहन बताया गया। एक फर्जी कंपनी के डायरेक्टर ने दो वर्ष पूर्व ईओडब्ल्यू को शिकायत की थी। इसके बाद जांच में ईओडब्ल्यू ने शिकायतकर्ता की संलिप्तता मिलने पर उसे भी आरोपित बनाया है। मुख्य आरोपित पर हरियाणा में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है।
निरीक्षक अनिल शुक्ला ने बताया कि इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी के संचालक दीपक अरोड़ा निवासी इंदौर ने करीब दो वर्ष पर्व ईओडब्ल्यू को शिकायत की थी कि अग्रवाल सोया संचालक गोपाल सिंघल, दीपक सिंघल, नवनीत गर्ग ने फर्जी कंपनियां बनाकर उससे करोड़ों रुपये का बोगस ट्रांजेक्शन किया है। इससे शासन को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई है। इस पर ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि सिंघल व गर्ग ने करीब 80 लोगों के नाम पर 39 फर्जी कंपनियां बनाई हैं। इससे वर्ष 2017 से 2022 तक करीब 200 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। इससे शासन को टैक्स के रूप में 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
तेल व खली के कारोबार के नाम पर हुआ खेल
निरीक्षक शुक्ला ने मामले की जांच की तो पता चला कि अग्रवाल सोया संचालक गोपाल सिंघल व उसके पुत्र दीपक दोनों निवासी नीमच, नवनीत गर्ग निवासी इंदौर ने फर्जी कंपनियां बनाई हैं। इन कंपनियों ने खली और तेल के व्यापार के आड़ में घोटाला किया है। पुख्ता प्रमाण जुटाने के बाद बुधवार को अग्रवाल सोया के साथ ही सभी कंपनियों और उनके संचालकों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले में जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
शिकायतकर्ता को भी बनाया आरोपित
निरीक्षक शुक्ला ने बताया कि आरोपितों ने फर्जी कंपनियां बनाने के लिए जिन्हें डायरेक्टर बताया, उनके नाम भी रिकार्ड में नकली दर्शाए हैं। खास बात यह है कि मामले में शिकायतकर्ता दीपक अरोड़ा को भी आरोपित बनाया गया है। अरोड़ा इंदौर में तेल व खली के कारोबार की दलाली करता है। वर्ष 2019 में जीएसटी ने भी मामले में जांच की थी। इसमें अरोड़ा फंसने लगा तो बचने के लिए उसने ईओडब्ल्यू को शिकायत की थी। जांच में पूरे घोटाले में दीपक की भी संलिप्तता पाए जाने पर ईओडब्ल्यू ने उसे भी आरोपित बनाया है।
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
नीमच स्थित अग्रवाल सोया एक्सट्रेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी धामनिया ने वर्ष 2017 से 2022 के मध्य कुल 39 बोगस फर्म और उनके संचालक के साथ मिलकर नकली रसीद, बिल, बिल्टी तैयार किए और सोयाबीन डीओसी का फर्जी क्रय-विक्रय बताकर गोपाल सिंघल, दीपक सिंघल, नवनीत गर्ग ने अपनी कंपनी अग्रवाल सोया एक्स्ट्रेक्ट प्राइवेट लिमिटेड नीमच के संचालक के रूप में फर्जी ट्रांसपोर्ट नारायण फाइट कैरियर आदर्श नगर इंदौर सहित दर्जनों फर्मों के बिल लगाकर फर्जीवाड़ा किया है। जांच में पता चला कि जिस पते पर ट्रांसपोर्ट का आफिस बताया गया है, वहां इस नाम का कोई ट्रांसपोर्ट नहीं है। वहीं बिल्टी भी फर्जी थी।
मुख्य आरोपित पर दर्ज है मादक पदार्थ तस्करी का केस
मुख्य आरोपित दीपक सिंघल के खिलाफ हरियाणा में डोडाचूरा के मामले में एनडीपीएस का केस दर्ज है। निरीक्षक शुक्ला के अनुसार उन्हें आशंका है कि मादक पदार्थों की तस्करी से मिलने वाले रुपये को सफेद धन में बदलने के लिए फर्जी कंपनियां बनाकर उनसे लेनदेन दर्शाया गया है।