- सवारी में अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर तीर्थपूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेंगे
- सवारी महाकालेश्वर मंदिर से शाम चार बजे शाही ठाठबाट के साथ शुरू होगी
- इस बार कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारियां निकलेंगी
Madhya pradesh ujjain mahakal kartik sawari first ride of lord mahakal in kartik month on monday: digi desk/BHN/उज्जैन/ कार्तिक-अगहन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी।
चांदी की पालकी में सवार होंगे अवंतिकानाथ
सवारी में अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर तीर्थपूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेंगे। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से शाम चार बजे शाही ठाठबाट के साथ शुरू होगी।
शिप्रा तट पहुंचने पर सवारी का अभिषेक-पूजन होगा
परंपरागत मार्गों से होते हुए सवारी शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी।
कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारियां निकाली जाएंगी
बता दें इस बार कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारियां निकलेंगी। 25 नवंबर को हरि-हर मिलन के लिए रात 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी।
उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास की सवारी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। इन दिनों देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं।
भगवान महाकाल मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन देंगे
कार्तिक अगहन मास की पहली सवारी में सोमवार को भगवान महाकाल मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में पं.घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में भगवान मनमहेश की पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद शाम 4 बजे सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना होगी।
यह रहेगा सवारी मार्ग
महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामनुजकोट होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारी भगवान महाकाल की विधिवत पूजा अर्चना करेंगे। भगवान की ओर से तीर्थ का पूजन भी किया जाएगा। पूजा के पश्चात सवारी शिप्रा के राणौजी की छत्री घाट के रास्ते गणगौर दरवाजा से नगर प्रवेश करेगी। इसके बाद मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी हाेते हुए शाम 7 बजे पुन: मंदिर पहुंचेगी।
ऐसा रहेगा सवारी का स्वरूप
सवारी में सबसे आगे उद्घोष दल भक्तों को राजाधिराज की पालकी आने की सूचना देते निकलेगा। उसके बाद पुलिस बैंड, घुड़सवार दस्ता, सशस्त्र बल की टुकड़ी, मंदिर प्रशासन के अधिकारी व प्रबुद्धजन आदि शामिल रहेंगे। पालकी के आसपास पुलिस का कड़ा सुरक्षा घेरा रहेगा। इसके मध्य मंदिर के पुजारी,पुरोहित व कहार रहेंगे।
कार्तिक अगहन मास में सवारी कब-कब
20 नवंबर- पहली सवारी
25 नवंबर- हरि हर मिलन की सवारी
27 नवंबर- तीसरी सवारी
04 दिसंबर- चौथी सवारी
11 दिसंबर- पांचवी शाही सवारी