- कंगना के समर्थन में आए संत, उद्धव ठाकरे को दी धमकी न आएं अयोध्या
- अयोध्या आने पर संत करेंगे उद्धव का विरोध, बोले नहीं होगा स्वागत
- कंगना के दफ्तर को तोड़ने की कार्रवाई को बताया गलत
- बोले पालघर में साधुओं की हत्या मामले में अब तक ऐक्शन नहीं, दो दिनों के अंदर तोड़ दिया कंगना का दफ्तर
अयोध्या
बॉलिवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना का विवाद बढ़ता जा रहा है। कंगना के समर्थन में उतरे अयोध्या में संतों ने उद्धव ठाकरे का विरोध शुरू कर दिया है। संतों और विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की है कि उद्धव अयोध्या न आएं। यहां आने पर उनका स्वागत नहीं होगा बल्कि उन्हें विरोध झेलना पड़ेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी कंगना रनौत को देश की बेटी बताया है। उन्होंने भी उद्धव ठाकरे को अयोध्या न आने की धमकी दी है। हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कंगना के दफ्तर को तोड़ने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे या शिवसेना का कोई भी नेता अयोध्या में आया तो उनका विरोध होगा। संत उनकी करतूत के खिलाफ हैं। बीएमसी ने कंगना का दफ्तर तोड़कर अच्छा नहीं किया।
‘डरे हुए हैं माफिया’
महंत गिरी ने कहा है कि कंगना रनौत बहादुर और हिम्मत वाली बेटी हैं, जिन्होंने बॉलिवुड के माफियाओं और ड्रग माफियाओं के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने निडर होकर बॉलीवुड में एक विशेष समुदाय के वर्चस्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। इससे न केवल बॉलिवुड के माफिया डर गए हैं, बल्कि सरकार के भी कदम उखड़ रहे हैं।
‘कंगना का दफ्तर गिराया, साधुओं की हत्या मामले में ऐक्शन नहीं’
हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कहा कि सरकार ने बिना समय दिए कंगना का दफ्तर गिरा दिया और पालघर में साधुओं की हत्या मामले में कोई सख्त ऐक्शन नहीं लिया। महंत कन्हैया दास ने कहा कि उद्धव ठाकरे का अयोध्या में स्वागत नहीं है। अह शिवसेना वह नहीं रही, जो कभी बालासाहेब ठाकरे के अधीन हुआ करती थी।