- मरीज ने छिपाइ बीमारी, स्टाफ ने नही रखी कोई भी सावधानी
- मरीज के संपर्क में आए स्वास्थ्यकर्मी और अन्य लोगों में दहशत
- एचआइवी पी़ड़ित महिला की डिलेवरी के बाद भी सील नही किया गया शाैचालय
Madhya pradesh shajapur in mps shajapur a woman suffering from hiv gave birth in toilet hid information about disease: digi desk/BHN/शाजापुर/ जिला अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां शुक्रवार को एचआइवी पीड़ित महिला की शाैचालय में डिलेवरी हो गई। इससे जहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाह कार्यप्रणाली उजागर हुई। वहीं दूसरी ओर एचआइवी पीड़ित मरीज को सामान्य मरीज की तरह देखरेख करने से यहां के डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मी व मरीज के संपर्क में आए लोगों में भी संक्रमण का डर बना हुआ है। इतना सब होने के बाद भी प्रबंधन की नींद नही टूटी और जिस शाैचालय में डिलेवरी हुई। उसे डिलेवरी के कई घंटे बाद सील तक नही किया गया। रात आठ बजे तक मरीज और उनके स्वजन शाैचालय का उपयोग कर रहे थे।
प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के ग्रामीण क्षेत्र की महिला को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर की मेटरनिटी विंग में डिलेवरी के लिए भर्ती किया गया। यहां महिला चिकित्सक ने उसे भर्ती कर उपचार के लिए परामर्श दिया। किंतु महिला वार्ड में नही रूकी।
इसी दाैरान वह शाैच के लिए ट्रामा सेंटर से बाहर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के शाैचालय में गई। वहीं उसकी डिलेवरी हो गई। शाैचालय में डिलेवरी के बाद जब हल्ला मचा तो जिम्मेदार सक्रिय हुए। महिला की जांच आदि कराई गईं और उसके उपचार संबंधी दस्तावेज खंगाले गए।
जिसमें उसके एचआइवी पीड़ित होने की जानकारी सामने आई। जिस पर सभी के हाैंश उड़ गए। इसके बाद महिला को अन्य मरीजों से अलग रखा गया। हालांकि इसके पहले वह कई लोगों के संपर्क में आई।
दोहरी लापरवाही हुई उजागर
मामले में अस्पताल की दोहरी लापरवाही उजागर हुई है। एक तो महिला की शाैचालय में डिलेवरी हो गई। जिसमें महिला और नवजात दोनों की जान को खतरा था। यहां दोनों में से किसी को भी कुछ भी हो सकता था। दूसरी लापरवाही महिला एचआइवी पीड़ित थी, जिसकी जानकारी मरीज और स्वजन ने छिपाइ। वहीं डाक्टर और स्टाफ भी इस बात की जानकारी नही जुटा सका। जबकि किसी भी मरीज को भर्ती करते वक्त उसके स्वास्थ्य संबंधी सभी दस्तावेज का बारिकी से परीक्षण करना चाहिए। किंतु यहां इस काम में लापरवाही हुई।
बिना सुरक्षा उपाय हुआ उपचार
महिला के एचआइवी पीड़ित होने की जानकारी नही होने के कारण महिला का चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सामान्य मरीजों की तरह देखरेख और उपचार किया गया। ऐसे में एचआइवी पीड़ित मरीज के उपचार में रखी जाने वाली कोई भी सावधानी यहां नही रखी गई। जब महिला के एचआइवी पीड़ित होने की बात सामने आइ तो महिला के संपर्क में आए लोगों के हाैंश उड़ गए। हालांकि इसके बाद भी जिम्मेदारों की सुस्ती नही टूटी और जिस शाैचालय में महिला की डिलेवरी हुई उसे सील तक नही किया गया।
कलेक्टर के प्रयास और निर्देश भी असफल
जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कलेक्टर किशोर कन्याल खासे प्रयास कर रहे हैं। वह हर सप्ताह अस्पताल में आकर जिम्मेदारों से चर्चा करने के साथ यहां का निरीक्षण कर दिशा निर्देश भी देते हैं। बावजूद यहां के हालात में सुधार नही आ रहा है। शुक्रवार को शाैचालय में एचआइवी पीड़ित महिला की डिलेवरी हुई। इसके दो दिन पहले बुधवार को सीएमएचओ डा. राजू निदारिया ने यहां का निरीक्षण किया। तव भी यहां पांच डाक्टर ड्यूटी से गायब मिलने के साथ ही तमाम अव्यवस्थाएं सामने आई थी। इसके अलावा आए दिन यहां नियम-कायदों के खिलाफ जाकर जिम्मेदारों द्वारा काम किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं।