- राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा बांगरे की परेशानी बढ़ सकती है
- उन्होंने अपने त्यागपत्र को स्वीकार कराने के लिए बैतूल से भोपाल तक की न्याय पदयात्रा प्रारंभ की है
- 335 किलोमीटर की यात्रा नौ अक्टूबर को भोपाल मुख्यमंत्री आवास पहुंचेगी
Madhya pradesh bhopal nisha bangre who is preparing to contest elections may face problems and may face disciplinary action: digi desk/BHN/भोपाल/ बैतूल जिले के आमला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में लगी राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा बांगरे की परेशानी बढ़ सकती है। उन्होंने अपने त्यागपत्र को स्वीकार कराने के लिए बैतूल से भोपाल तक की न्याय पदयात्रा प्रारंभ की है। 335 किलोमीटर की यात्रा नौ अक्टूबर को भोपाल मुख्यमंत्री आवास पहुंचेगी। उनका यह कदम अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे में आ सकता है।
क्योंकि, उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें रोकने के लिए शासन गलत पक्ष न्यायालय में रख रहा है। उनका यह भी आरोप है कि भाजपा ने जिन्हें टिकट दिया, उनका त्यागपत्र चंद घंटों में स्वीकार कर लिया।
न्यायालय में मामला होने के कारण सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी अधिकृत तौर पर तो कुछ भी नहीं कर रहे हैं, पर उनके इस कदम को अनुशासनहीनता माना जा रहा है। सेवा में रहते हुए कोई भी अधिकारी इस तरह न तो वक्तव्य दे सकता है और न ही दबाव बना सकता है।
सूत्रों का कहना है कि बांगरे द्वारा दिए जा रहे वक्तव्यों का परीक्षण भी कराया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने शासन व्यवस्था को लेकर कई प्रश्न उठाए हैं। बता दें कि बांगरे ने सेवा से त्याग का जो आवेदन दिया था, शासन उसे अमान्य कर चुका है। इसके विरुद्ध उन्होंने हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी।
न्यायालय ने नौ अक्टूबर से पहले विभागीय जांच खत्म कर अंतिम निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। बांगरे का कहना है कि मुझे यह यात्रा इसलिए निकालनी पड़ रही है क्योंकि विश्वास नहीं है कि न्याय मिलेगा। उन्होंने त्यागपत्र स्वीकार न होने की स्थिति में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देने की बात भी कही है।