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MP: मानसून सक्रिय, प्रदेश भर के कई जिलों में झमाझम बारिश, फसलों को जीवनदान

Madhya pradesh bhopal monsoon active in mp heavy rain in many districts across state giving life to crops: digi desk/BHN/भोपाल/ हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार भले ही सावन के दो माह रहे, लेकिन अपेक्षाकृत वर्षा नहीं हुई। अब भादौ माह में एक बार फिर सक्रिय हुए मानसून के कारण प्रदेश के अधिकतर जिलों में झमाझम वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि सूखे के हालात बनने पर कुछ क्षेत्रों में फसलें सूख गईं, लेकिन राहत की बौछारों ने अधिकतर जिलों में फसलों को जीवनदान दे दिया है।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून में सावन माह के दौरान ठहराव का प्रभाव फिर भी पड़ेगा। फसल के उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अभी एक सप्ताह तक बौछारें पड़ने का सिलसिला बना रह सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त माह में पूरे प्रदेश में अपेक्षाकृत वर्षा नहीं हुई थी। जिसके चलते पांच सितंबर तक प्रदेश में सामान्य से 19 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज की गई थी।

पिछले दिनों बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से मानसून एक बार फिर सक्रिय हुआ है। जिसके चलते पूरे प्रदेश में वर्षा हो रही है। इस वजह से मात्र पांच दिन में हालात में काफी कुछ सुधार आया है। नौ सितंबर तक कम वर्षा की स्थित की पांच प्रतिशत तक भरपाई हो गई है।

अब प्रदेश में सामान्य से 14 प्रतिशत कम वर्षा की स्थिति बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मप्र में अभी चक्रवात बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भी प्रदेश में मौजूद है। इस वजह से अभी एक सप्ताह तक अलग-अलग क्षेत्रों में वर्षा होने का सिलसिला बना रह सकता है।

कम समय में तैयार होने वाली फसल लगाएं कृषि विशेषज्ञ एवं पूर्व संचालक कृषि, डा जीएस कौशल का कहना है कि अगस्त माह में वर्षा नहीं होने से धान एवं सोयाबीन की फसल काफी प्रभावित हुए हैं। सितंबर में अच्छी वर्षा होने से काली मिट्टी वाली जमीन की फसलें संभल गई हैं, लेकिन पठारी क्षेत्र की फसल नहीं बच सकी हैं। धान के लिए भी अभी और पानी की जरूरत है। मानसून ब्रेक से उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। सामान्य से कम वर्षा होने के कारण अधिकतर जलाशय लबालब नहीं हो सके हैं। इस वजह से किसानों को रबी के सीजन में गेहूं, चने की कम अवधि में तैयार होने वाली फसलों का चयन करना चाहिए।

पांच सितंबर को वर्षा की स्थिति- कहां -वर्षा हुई- सामान्य वर्षा -कम प्रतिशत में प्रदेश में – 664.5 -823.9- 19 पूर्वी मप्र – 757.2 898.6 -16 पश्चिमी मप्र- 593.2- 766.4- 23

पांच सितंबर को कम वर्षा – वाले 10 जिलों की स्थित जिला वर्षा हुई सामान्य वर्षा कम प्रतिशत में सतना- 424.6- 783.7- 46 अशोकनगर 426.0- 723.1- 41 मंदसौर 430.6 -712.4- 40 खरगोन 372.6- 596.6- 38 भोपाल 519.0- 823.8- 37 खंडवा 417.2- 648.9- 36 सीधी 547.2 -844.0 -35 गुना 549.9- 811.2- 32 शाजापुर 538.4 -780.1- 31 धार 467.6- 666.1 -30

नौ सितंबर को वर्षा की स्थिति कहां वर्षा हुई सामान्य वर्षा कम प्रतिशत में प्रदेश में -738.9- 856.0- 14 पूर्वी मप्र 835.6 -937.0- 11 पश्चिमी मप्र 664.5- 793.7- 16 नोट : आंकड़े मिमी में हैं।

नौ सितंबर तक कम वर्षा वाले जिलों की स्थिति

जिला – कुल वर्षा-औसत वर्षा- कम वर्षा प्रतिशत में सतना -533.0- 851.4- 37 अशोकनगर- 521.3- 767.3 -32 मंदसौर -465.2- 760.2- 39 खरगोन- 499.6- 636.0- 21 भोपाल -588.8- 865.6- 32 खंडवा- 552.2- 699.8- 21 सीधी – 638.4- 920.4- 31 गुना- 587.6- 860.3- 32 शाजापुर- 568.0- 827.3- 31 धार – 554.1- 715.7- 23 नोट : आंकड़े प्रतिशत में हैं।

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