Madhya pradesh ujjain sawan 2023 70 lakh devotees visited lord mahakal in a month: digi desk/BHN/उज्जैन/ विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास के प्रथम एक माह में 70 लाख से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। गर्भगृह में प्रवेश बंद रहने से दर्शन व्यवस्था सुगम रही। इससे दर्शन भी बाधित नहीं हुए और भक्त बिना किसी परेशानी के गणेश व कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करते हुए गंतव्य को रवाना हो गए।
बिना परेशानी हो रहे दर्शन
श्रावण के चौथे सोमवार पर मंदिर प्रशासन ने इस व्यवस्था से बिना किसी परेशानी के एक दिन में चाढ़े चार लाख भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन कराए।
दो माह भक्ति का उल्लास
इस बार 4 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हुई है। श्रावण अधिकमास होने से ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में दो माह भक्ति का उल्लास छाया हुआ है।
गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित
श्रावण मास में देशभर से महाकाल दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान लगाकर मंदिर समिति ने 4 जुलाई से 11 सितंबर तक भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था।
सही रहा निर्णय
मंदिर समिति का अनुमान सही साबित हुआ श्रावण मास में प्रतिदिन दो लाख भक्त भगवान महाकाल दर्शन करने पहुंचे। गर्भगृह में प्रवेश बंद रहने से समिति भक्तों को सुविधा पूर्वक गणेश व कार्तिकेय मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन करा रही है। गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित होने से दर्शन भी बाधित नहीं हो रहे हैं। इससे भक्त श्रद्धा और संतुष्टि पूर्वक दर्शन कर लौट रहे हैं। मंदिर समिति को भक्तों की सुविधा को देखते हुए यह व्यवस्था वर्षभर लागू रखना चाहिए।
भस्म आरती में चलायमान व्यवस्था भी कारगर
मंदिर प्रबंध समिति ने इस वर्ष श्रावण मास में सिंहस्थ की तर्ज पर भस्म आरती में बिना अनुमति वाले भक्तों के लिए चलायमान दर्शन व्यवस्था को लागू किया। यह निर्णय भी कारगर साबित हुआ और प्रतिदिन हजारों भक्तों ने इस व्यवस्था से सुविधा पूर्वक भगवान महाकाल के दर्शन किए।
यह लाभ भी हुआ
इस व्यवस्था का एक और फायदा यह रहा कि पहले सामान्य दर्शनार्थी को भस्म आरती संपन्न होने के बाद मंदिर में प्रवेश दिया जाता था, लेकिन चलायमान व्यवस्था लागू करने से सामान्य दर्शनार्थी रात से ही भगवान महाकाल के दर्शन कर पाते हैं। इससे मंदिर के बाहर भीड़ की स्थिति निर्मित नहीं होती है और भक्त आसानी से दर्शन कर निकल जाते हैं। बिना अनुमति वाले भक्तों के लिए मंदिर समिति को यह व्यवस्था भी वर्षभर लागू रखना चाहिए।
इधर यह समस्या भी…
नियमों का पालन नहीं करा रही समिति
मंदिर समिति ने अनाधिकृत प्रवेश रोकने के लिए पुजारी,पुरोहित तथा इनके प्रतिनिधियों को आई कार्ड जारी किए हैं। बावजूद इसके पुजारी, पुरोहित की वेशभूषा में कई लोग बिना आई कार्ड के मंदिर में घूमते नजर आ रहे हैं। समिति ने जब आईकार्ड जारी किए हैं, तो इन्हें लगाना भी अनिवार्य कराए। बिना कार्ड धारियों का प्रवेश प्रतिबंधित होना चाहिए।
कर्मचारियों के लिए पार्किंग नहीं
महाकाल मंदिर में प्रबंध समिति के करीब 350 तथा आउटसोर्स के जरिए रखे गए करीब 700 कर्मचारी हैं। मंदिर के आसपास निर्माण कार्य चलने से कर्मचारियों के वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान नहीं है। अधिकारियों के वाहन तो विशेष स्थान पर पार्क हो जाते हैं, लेकिन कर्मचारी पार्किंग के लिए परेशान हो रहे हैं। मंदिर समिति को कर्मचारियों के लिए वाहन पार्किंग का इंतजाम करना चाहिए।
एक माह में 70 लाख भक्तों ने किए दर्शन
4 जुलाई से 3 अगस्त तक करीब 70 लाख भक्त भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। मंदिर समिति ने भक्तों के लिए सुगम दर्शन व्यवस्था के इंतजाम कर रखे हैं। अन्य व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग की जा रही है, जो समस्याएं संज्ञान में आ रही है उनका समाधान होगा।
-संदीप कुमार सोनी, प्रशासक महाकाल मंदिर