Madhya pradesh ujjain electricity fell near mp cm shivrajs helicopter returned from nagda to bhopal by road: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई। यह घटना गुरुवार रात 9 बजे के आसपास की है। हेलिकॉप्टर में खराबी आने के बाद सीएम शिवराज सड़क मार्ग से नागदा से भोपाल के लिए रवाना हो गए। इससे पहले इस आशय की खबरें भी सुनने में आईं थीं कि उनके हेलिकॉप्टर के पास बिजली गिरी थी, लेकिन यह सूचना अपुष्ट है। हेलिकॉप्टर में खराबी के चलते जरूर वे नागदा से सीधे भोपाल की ओर रवाना हो गए। सभा के बाद सीएम शिवराजसिंह चौहान हेलिकाप्टर से रवाना होने वाले थे। इस दौरान तकनीकी खराबी के कारण वे रोड से होते हुए भोपाल गए। बताया जा रहा है कि हेलिकाप्टर के पास आकाशीय बिजली गिरने से तकनीकी खराबी आई थी। हालांकि मौके पर ड्यूटी पर तैनात बिरलाग्राम थाना प्रभारी ने इस बात से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि केवल तकनीकी खराबी थी। इस कारण मुख्यमंत्री बाय रोड से भोपाल गए।
नागदा जंक्शन को जिला बनाया जाएगा
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को नागदा जंक्शन पहुंचे। उन्होंने जनसभा में कहा कि नागदा जंक्शन को अलग जिला बनाया जाएगा। महिदपुर तहसील के नागरिकों द्वारा नागदा में शामिल किए जाने पर हो रहे विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिला राजीखुशी से बनेगा, जिस तहसील को नए जिले में शामिल नहीं होना हो तो न हो।
मुख्यमंत्री ने नागदा के समीपस्थ कस्बे उन्हेल को तहसील बनाने की घोषणा भी की। यहां करीब दो घंटे के रोड शो के बाद मुख्यमंत्री ने मुक्तेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित विकास पर्व व हितग्राही सम्मेलन में 261.14 करोड़ रुपये की लागत के निर्माण कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया।
उल्लेखनीय है कि नागदा जंक्शन को जिला बनाने की मांग वर्ष 2008 से की जा रही है। 2018 में बनी कांग्रेस सरकार ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी, हालांकि सरकार बदलने के बाद मामला अटक गया। नए जिले में उज्जैन के उन्हेल, खाचरौद, भाटपचलाना और रतलाम जिले के आलोट, ताल क्षेत्र शामिल किए जा सकते हैं।
बता दें, इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री ने रीवा के मऊगंज को नया जिला बनाने की घोषणा की थी। मऊगंज 53 वां और नागदा 54वां जिला होगा। पांढुर्ना, मैहर, चांचौड़ा और सिरोंज को भी जिला मांग बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही है। बता दें कि जिला बनाने की कार्रवाई जिला पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के बाद की जाती थी लेकिन 30 साल से मध्य प्रदेश में जिला और तहसील पुनर्गठन आयोग अस्तित्व में नहीं है।