Madhya pradesh khandwa flood of ajnal river in khutla khas caused devastation animals and vehicles along with goods were: digi desk/BHN/खंडवा/पुनासा क्षेत्र में रात को हुई सीजन की पहली तेज बारिश से अजनाल नदी के उफान से क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए। खुटला सहित आसपास के आधा दर्जन गांवों की निचली बस्तियों में पानी भर गया। तेजी से जलस्तर बढ़ने से कई घरों से अनाज, गृहस्थी का सामान और पशु बह गए। पुनासा- सनावद मार्ग पर नदी और नालों पर बने पुलों पर पानी आने से रात से आवाजाही बंद है। खेतों में फसलें बह गई हैं। किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।
रात से राजस्व और होमगार्ड की टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी है। बुधवार सुबह कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने खुटला पहुुंच कर जायजा लिया। पुनासा क्षेत्र में हुई बारिश से ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने पर सुबह से गेट खोलने की तैयारी थी, लेकिन बारिश थमने और पावर हाउस से लगातार बिजली बनाने से जलस्तर नियंत्रित होने से फिलहाल गेट खोलने की संभावना नहीं है।
मंगलवार रात 70 मिमी बारिश
जिले की पुनासा तहसील इस सीजन में अब तक बारिश के मामले में अन्य तहसीलों से काफी पिछ़डी थी। मंगलवार रात यहां 70 मिमी बारिश होने से खुटला क्षेत्र के गांव टापू बन गए। कई बस्तियों में पानी घुस गया। रात करीब दो बजे बाद हुई तेज बारिश से गांव के दोनों ओर बहने वाली अजनाल और अमाक नदी में उफान से गांव में पानी घुस गया।
बचाव कार्य जारी
सड़क, गलियों और घरों में पानी भरने से लोग घरों से बाहर आ गए। बाढ़ से घिरे लोगों और घरों में बचाव में रात भर लोग जुटे रहे। खुटला के अलावा गुर्जरखेड़ी, आंवलिया, रिछफल, कालियाखेड़ी, नवलगांव में कई मकान ढह गए। पानी में मवेशी और वाहन बह गए। क्षेत्र की बिजली आपूर्ति ठप है। बारिश थमने के बाद सुबह से जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली। नदियों का उफान भी घटने लगा है। पुनासा एसडीएम चंदर सिंह सोलंकी सहित राजस्व और पुलिस का अमला राहत व बचाव में जुटा है।
195.9 मीटर हुआ ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर
पुनासा क्षेत्र में हुई वर्षा से ओंकारेश्वर बांध लबालब हो गया है। बांध का जलस्तर 195 मीटर से ऊपर पहुंचने से बांध प्रबंधन ने गेट खोलकर जलस्तर नियंत्रित करने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके चलते बुधवार सुबह से गेट खुलने की संभावना बन रही थी। रात में वर्षा थमने और बांध के पावर हाउस की सभी आठों मशीन चला कर बिजली उत्पादन पूर्ण क्षमता से करने के कारण जलस्तर घटने लगा है। फिलहाल गेट खोलने की संभावना टल गई है।
ओंकारेश्वर बांध परियोजना प्रमुख डीके द्विवेदी ने बताया कि पावर हाउस की आठों मशीन चलने से नर्मदा के डाउन स्ट्रीम में लगभग 1900 क्यूमेक्स पानी का छोडा जा रहा है। 520 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। जलाशय का जलस्तर नियंत्रित होने से अब गेट खोलने की स्थिति नहीं है।