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Mauna Panchami: इस दिन मौन रहकर करें शिव की पूजा, जानिए मौना पंचमी की तिथि और महत्व

Vrat tyohar mauna panchami 2023 worship lord shiva by being silent on this day know the date and importance of mauna panchami: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मौना पंचमी का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 7 जुलाई 2023 को पड़ रहा है। मौना पंचमी के मौके पर भक्त मौन रहकर व्रत रखते हैं। इस दिन भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप की पूजा की जाती है। इस रूप में शिव जगद्गुरु होकर ज्ञान, ध्यान, योग और विद्या के देवता हैं। ‘मौना पंचमी’ को शिव पूजा और मौन व्रत का यही संदेश है कि मौन मानसिक, वैचारिक और शारीरिक हिंसा को रोकने का काम करता है। इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही उग्र स्वभाव और क्रोध को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है। आइए इंदौर के पंडित प्रफुल्ल शर्मा से जानते हैं इस व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त।

मौना पंचमी 2023: तिथि एवं मुहूर्त

सावन के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 07 जुलाई को सुबह 03:12 बजे पर शुरू होगी और 08 जुलाई को सुबह 12: बजकर 17 मिनट पर खत्म होगी। उदया तिथि के अनुसार मौना पंचमी का व्रत 7 जुलाई को रखा जाएगा।

  • प्रात:काल का मुहूर्त – सुबह 05:29 बजे से 08:58 बजे तक।
  • दोपहर का मुहूर्त – दोपहर 12:26 बजे से 02:10 बजे तक।
  • शाम का मुहूर्त – शाम 06:39 बजे से 07:23 बजे तक।

मौना पंचमी का महत्व

हिंदू धर्म में मौना पंचमी का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और हर समस्या से निजात मिल जाती है। माना जाता है कि मौना पंचमी व्रत रखने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही अकाल मृत्यु का डर भी खत्म हो जाता है। मान्यता है कि इससे संतानहीन व्यक्ति को संतान की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से भक्त, ज्ञान और बुद्धि के द्वारा जीवन में सफलता पाते हैं।

कैसे करें पूजन

मौना पंचमी के दिन शिव का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक का महत्व है। इस तिथि के देवता शेषनाग हैं, इसलिए शिव के साथ शेषनाग की पूजा भी की जाती है। इस दिन नाग देवता को घी, सूखे फल, फूल, माला, दूध आदि चढ़ाते हैं। इस दिन शिव-शेषनाग की पूजा से काल का भय और कष्ट दूर होते हैं। सरल अर्थ में विपरीत समय भी अनुकूल हो जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।

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