Biparjoy will help to monsoon to advance in some areas of up and mp predictions for rain: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में रविवार से बारिश होने की उम्मीद है। मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणाली के अभाव के कारण 11 मई से मानसून की गति धीमी हो गई थी। चक्रवाती तूफान गुरुवार को गुजरात के तटीय इलाकों से टकराया था, जिस वजह से दो युवकों की मौत हो गई। इसके अलावा 500 घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि बिपरजॉय के कारण मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।
11 मई से मानसून की गति धीमी हो गई
मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में रविवार से बारिश होने की उम्मीद है। मानसून को पूर्वी भारत में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणाली के अभाव के कारण 11 मई से मानसून की गति धीमी हो गई थी। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि 18 से 21 जून तक पूर्वी भारत और दक्षिण भारत के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होंगी। एक अधिकारी के अनुसार, राजस्थान में भारी बारिश के बाद 20 जून से सिस्टम मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित मध्य प्रदेश में बारिश करायेगा।
15 जून तक इन इलाकों को कवर कर सकता है मानसून
केरल में मानसून ने आठ जून को दस्तक दिया था। मानसून अब तक तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार के काफी इलाकों को कवर कर चुका है। मानसून 15 जून तक महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार और झारखंड के कुछ-कुछ इलाकों को कवर कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि केरल में मानसून की देरी से दस्तक का मतलब यह नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में भी मानसून की शुरुआत देरी से हो।
चार जून तक केरल में दस्तक देगा मानसून
आईएमडी का कहना है कि सिस्टम के गठन उत्तर की तरफ बढ़ रहा है, इस वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल तट की ओर बढ़ने की संभावनाएं प्रभावित होंगी। मई के मध्य में विभाग ने कहा था कि चार जून तक मानसून केरल में दस्तक दे देगा। बता दें, आम तौर पर मानसून एक जून को (सात दिन का आगे-पीछे) केरल में प्रवेश कर जाता है।
जानिए, पिछले साल कब प्रवेश किया था दक्षिण-पूर्वी मानसून
- 2022- 29 मई
- 2021- 3 जून
- 2020- 1 जून
- 2019- 8 जून
- 2018- 29 मई
भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बारिश अधिक महत्वपूर्ण
कुछ दिनों पहले, आईएमडी ने कहा था कि एल नीनो के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून से भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिम मानसून में सामान्य से कम बारिश होने की संभावनाएं होती हैं। जबकि, पूर्व, उत्तर-पूर्व, मध्य और दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य बारिश होने की संभावना होती है। भारत के कृषि क्षेत्र में सामान्य बारिश अधिक महत्वपूर्ण है। खेती का 52 प्रतिशत क्षेत्र सामान्य क्षेत्र पर निर्भर करता है। इससे बिजली उत्पादन के साथ-साथ पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण है।
सामान्य से अधिक गर्मी रहने का जताया था अनुमान
उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय क्षेत्रों को छोड़कर, मौसम विभाग ने देश के अधिकांश क्षेत्रों में अप्रैल से जून तक अधिक तापमान की संभावना जताई थी। इस दौरान मध्य, पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी रहने का अनुमान है।
अब, जानिए क्या होता है अल नीनो और ला नीना
बता दें, दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी के गर्म होने, मानसूनी हवाओं के कमजोर होने और भारत में कम वर्षा होने वाली स्थिति को अल नीनो कहा जाता है। दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी के ठंडे होने की विशेषता जो भारतीय मानसून का पक्ष लेती है, उसे ला नीना कहा जाता है।