Madhya pradesh bhopal mp weather update effect of cyclone biporjoy will be seen in madhya pradesh from june 18 there will be rain with strong winds: digi desk/BHN/भोपाल/अरब सागर से उठकर आगे बढ़े भीषण चक्रवात बिपरजार का असर 18 जून से मध्य प्रदेश में भी दिखने लगेगा। उसके प्रभाव से लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। साथ ही उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में भारी वर्षा भी हो सकती है। राजधानी भोपाल में दिन में गर्मी के साथ देर शाम बारिश हुई।
प्रदेश के शेष जिलों में भी बादल बने रहेंगे। साथ ही गरज-चमक के साथ वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। दिन के तापमान में गिरावट होने से लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक चक्रवात बिपर्जय के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून भी पिछड़ गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ ट्रफ के रूप में बना हुआ है। हवा का रुख भी पश्चिमी बना हुआ है। हवा के साथ अरब सागर से नमी मिलने के कारण आंशिक बादल बने हुए हैं। साथ ही कहीं-कहीं वर्षा भी हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार को शाम को राजधानी में कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ीं।
कब, कहां होगा चक्रवात का असर, यलो अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि चक्रवात बिपर्जय गुजरात के जखाऊ तट पर टकरा गया है। गुजरात के बाद यह राजस्थान की तरफ आगे बढ़ेगा। बिपर्जय के असर से 18 जून को उज्जैन संभाग के रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर आदि जिलों में तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ तेज बौछारें पड़ेंगी।
बिपर्जय के उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ने के कारण 19 जून को यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश,उत्तरी मप्र एवं उत्तर-पूर्वी राजस्थान को प्रभावित करेगा। इस वजह से ग्वालियर, चंबल संभाग के सभी जिलों में 50 किमी. से भी अधिक की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ भारी वर्षा भी होगी। उपरोक्त क्षेत्रों के लिए चेतावनी का यलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
चक्रवात के आगे बढ़ने के बाद सक्रिय होगा मानसून
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बिपर्जय के कारण केरल से कुछ आगे बढ़ने के बाद मानसून थम कर रह गया है। जरूरी ऊर्जा नहीं मिलने के कारण मानसून आगे नहीं बढ़ रहा है। बिपर्जय के कमजोर पड़कर आगे बढ़ जाने के बाद मानसून फिर सक्रिय होगा। हालांकि मानसून के लगभग एक सप्ताह बाद मप्र में पहुंचने की संभावना दिख रही है।