National sengol issue jairam ramesh says no documentary evidence amit shah replies why so much hatred for culture: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ संसद के नए भवन का उद्घाटन होना है, लेकिन इस पर जबरदस्त राजनीति हो रही है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को यह बात रास नहीं आ रही है कि रिकॉर्ड समय में इस भव्य इमारत का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहने हैं।वहीं उद्घाटन के दौरान सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में पीएम मोदी सौंपे जाने वाले सेंगोल (राजदंड) को लेकर भी बयानबाजी तेज है। कांग्रेस सेंगोल का भी विरोध कर रही है।
सेंगोल पर क्या है कांग्रेस का रुख
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि ‘सेंगोल’ को भारत में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में वर्णित करने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और जवाहरलाल नेहरू को लेकर भाजपा द्वारा फैलाई गईं बातें झूठ हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा तमिलनाडु में अपने राजनीतिक फायदे के लिए औपचारिक राजदंड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सेंगोल पर कांग्रेस को अमित शाह का जवाब
अमित शाह ने कहा, अब कांग्रेस ने एक और शर्मनाक अपमान किया है। एक पवित्र शैव मठ, थिरुवदुथुराई अधीनम ने स्वयं भारत की स्वतंत्रता के समय सेंगोल के महत्व के बारे में बात की थी। कांग्रेस अधीनम के इतिहास को झूठा बता रही है! कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है।
कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा पंडित नेहरू को एक पवित्र सेंगोल दिया गया था, लेकिन इसे ‘चलने की छड़ी’ के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया था।