- जुग-जुग जिए शिवराज, हमेशा रहें गादीपति
- तीर्थराज प्रयागराज की यात्रा रही अद्वितीय, अविस्मरणीय और आनंदमयी
- विमान से पहली तीर्थ-यात्रा के यात्रियों ने कही दिल से बात
भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ देश में पहली बार विमान से तीर्थ यात्रा करने वाले म.प्र. के बुजुर्ग तीर्थ-यात्रियों ने तीर्थराज प्रयागराज (उ.प्र.) की यात्रा से लौटने के बाद अपने दिल की बात साझा की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आम गरीब बुजुर्गों को हवाई जहाज से तीर्थ कराकर बता दिया है कि वे आधुनिक काल के श्रवण कुमार है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सभी के लिए अद्वितीय, अविस्मरणीय और आनंदमयी रही है। बुजुर्गों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वह जुग-जुग जिए पर हमेशा गादीपति (मुख्यमंत्री) रहे। प्रयागराज में पवित्र गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान और देव दर्शन कर राजा भोज विमानतल भोपाल लौटे सभी 32 तीर्थ-यात्रियों के ललाट की आभा उनके आत्मिक संतोष को दिखा रही थी। तीर्थ-यात्रियों के परिजन भी प्रसन्न नजर आए।
जो सोचा न था वह संभव कर दिया मुख्यमंत्री श्री चौहान ने
तीर्थ यात्रा से लौटे जाट खेड़ी के श्री प्रेम नारायण पटेल ने भावुक होकर कहा कि सब कुछ कल्पना से परे रहा। हवाई जहाज को आसमान में उड़ते हुए देखा करते थे। कभी सोचा नहीं था कि उसमें बैठने को मिलेगा। लेकिन मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे हमारे लिए संभव कर दिखाया। हमें सबसे बड़े तीर्थ प्रयागराज की यात्रा हवाई जहाज से करवा दी। मैंने 75 साल की उम्र में पहला ऐसा मुख्यमंत्री देखा, जिसने गरीबों की ऐसी सेवा की। हमारा आशीर्वाद है कि वह आजन्म मुख्यमंत्री बने रहे।
खूब आशीर्वाद मुख्यमंत्री को
कैलाश नगर की सिया कुमारी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को खूब-खूब आशीर्वाद। उनके कारण त्रिवेणी संगम में स्नान का सपना पूरा हो सका। हमने जीवन में पहली बार हवाई जहाज की यात्रा की। होटल में वीआईपी ट्रीटमेंट मिला। कम समय में बगैर कष्ट के इतनी बढ़िया तीर्थ-यात्रा कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार।
तीर्थ-यात्रा के पल, अनमोल
जीवन के यह पल बहुत ही अनमोल हैं। हमारी स्मृतियों में यह चिर-स्थाई हो गए हैं। फंदा के मिट्ठूलाल मेवाड़ा ने कहा कि हमने तो कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे भाग्य में तीर्थ-यात्रा का सौभाग्य भी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान को बहुत-बहुत धन्यवाद।
बुजुर्गों के मददगार, रहें हमेशा गादीपति
तीर्थ-यात्रा कर आनंदित और आत्म-विभोर दिखाई दे रही गोंदरमऊ की श्रीमती राजल बाई ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बुजुर्गों का मददगार बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद के साथ आभार व्यक्त करते हुए हमेशा गादीपति (मुख्यमंत्री) बने रहने का आशीर्वाद भी दिया।
प्रयागराज में एक डुबकी प्रदेश की समृद्धि के लिये भी
जहांगीराबाद के बुजुर्ग तीर्थ-यात्री संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान का हवाई यात्रा से तीर्थ-दर्शन कराने का कार्य बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने जमीन के लोगों को हवाई सैर करवा कर दर्शन कराये हैं। मुख्यमंत्री के इस प्रयास की सराहना प्रयागराज में भी लोगों ने करते हुए कहा कि आपके मामा (मुख्यमंत्री) बहुत ही अच्छे हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि उन्होंने प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना के साथ संगम-स्थल पर मुख्यमंत्री और उनके परिवार के लिए भी शुभकामनाओं की एक-एक डुबकी लगाई।
यशस्वी बनें और राज करें शिवराज
बरखेड़ा पठानी की शकुंतला बाई ने प्रसन्नता से कहा कि शिवराज जुग-जुग जिए, यशस्वी बनें और हमेशा राज करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की खूब सेवा की है। सबका ध्यान रखकर जीवन को आसान बनाने के लिए योजनाएँ बनाई हैं।
यात्रा हमेशा चालू रहे
चांदबढ़ के राम प्रसाद चांदौरिया ने बताया कि किसी भी सरकार ने ऐसी यात्रा नहीं कराई। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन यात्रा हमेशा ऐसी ही चालू रहे। हमारे जो बंधु-बांधव और धार्मिक लोग है वह भी अपने धर्म के अनुसार यात्रा कर सकें।
त्रिवेणी संगम के साथ हनुमानगढ़ी के हुए दर्शन
रोंझिया के टीकाराम सेन ने आज के श्रवण कुमार और मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार माना कि हमे त्रिवेणी संगम में स्नान के साथ ही हनुमानगढ़ी में दर्शन का भी सौभाग्य मिला। भोपाल से प्रयागराज तक यात्रा की व्यवस्थाएँ बहुत ही अच्छी रही, ठीक वैसे ही जैसे कोई बेटा अपने बुजुर्ग के लिए करता है।
गरीबों के मसीहा हैं शिवराज
पंजाबी बाग निवासी कृष्णा चौबे बताती है कि यात्रा में रत्ती भर भी तकलीफ नहीं हुई। सभी तीर्थ यात्रियों का बहुत अच्छे से परिवार की तरह ख्याल रखा। हनुमान मंदिर में दर्शन किये। गंगा आरती में शामिल होने का सौभाग्य मिला। त्रिवेणी संगम पर स्नान का सपना साकार हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान को बारम्बार बधाई। गरीबों के मसीहा है शिवराज भैया, हर आदमी के दुख दर्द में काम आते हैं।