Vivah Panchami:ग्वालियर/ मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। 19 दिसंबर को विवाह पंचमी श्रद्धाभाव के साथ मनाई जाएगी। इस दिन भगवान राम और सीता का विवाह हुआ था। इसी वजह से हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का खास महत्व है। इस दिन भगवान राम और सीता जी की पूजा-अर्चना की जाती है। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार इस दिन भगवान राम व सीताजी की पूजा करने से कुंवारे लोगों को योग्य जीवन साथी की प्राप्ति होती है और विवाहितों के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। चूंकि भगवान राम को चेतना और माता सीता को प्रकृति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए चेतना और प्रकृति के मिलन की वजह से ही यह दिन महत्वपूर्ण हो जाता है। भगवान राम और सीता का विवाह करवाने का भी बड़ा महत्व है, इस दिन चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के साथ कुंभ राशि में, सूर्य धनु राशि में, गुरु मकर राशि में, राहु वृषभ में, केतु वृश्चिक राशि में रहेंगे। राम विवाह महोत्सव पर वर्धमान योग आनंद योग इस दिन की श्रेष्ठता को बढ़ा रहे हैं। वहीं शुभ ग्रहों की प्रधानता होने के कारण यह दिन सर्वश्रेष्ठ रहेगा। पंचमी तिथि 18 तारीख की रात 2:22 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 19 की दोपहर 2:14 बजे तक रहेगी।
19 को विवाह पंचमी, वर्धमान-आनंद योग में मनेगा राम विवाह महोत्सव
विवाह पंचमी पर क्या करें
मनचाहे वर-वधु की प्राप्ति के लिए विवाह पंचमी का व्रत करें। भगवान राम सीता के विवाह का पाठ करें। संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ करने से पारिवारिक जीवन सुख में किया जा सकता है। रात्रि जागरण कर राम धुन करें। साथ ही राम रक्षा स्त्रोत के पाठ का भजन करना चाहिए।