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Chaitra Navratri: दुर्गा अष्टमी पर बन रहे दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में करें मां महागौरी की पूजा

Chaitra Navratri 2023, Durga Ashtami: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ नवरात्र के दिनों में अष्टमी और नवमी तिथि को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि बुधवार, 29 मार्च को है। अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी और महाष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के साथ आठवें स्वरूप महागौरी माता की पूजा करने का विधान है।मान्यता है कि दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के साथ महागौरी की पूजा करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। मां महागौरी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी पाप कर्म धुल जाते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जानिए दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त –

अष्टमी तिथि: शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि प्रारंभ – 28 मार्च, शाम 7:03 बजे से

अष्टमी तिथि समाप्त – 29 मार्च, रात 9:08 बजे तक

शोभन योग – 28 मार्च, रात 11:36 बजे से 29 मार्च, दोपहर 02: 22 बजे तक

रवि योग – 29 मार्च, रात 8:07 बजे से 30 मार्च की सुबह 6:14 बजे तक

महागौरी का स्वरूप

गौर वर्ण होने के कारण मां को महागौरी नाम से जाना जाता है। महागौरी के वस्त्र और आभूषण सभी सफेद हैं। मां को सफेद रंग प्रिय है। सफेद रंग प्रिय होने के कारण इन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है। मां का वाहन वृषभ है और इनकी चार भुजाएं हैं। ऊपर वाले दाहिने हाथ में अभय मुद्रा है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में मां ने डमरू धारण किया है और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। मां की पूरी मुद्रा बहुत शांत है और बहुत ही कल्याणकारी है।

माता का मंत्र

स्तुति मंत्र

‘या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥’

प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

दुर्गा अष्टमी पूजन विधि

महा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन स्नान आदि करने के बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करके मां दुर्गा की षोडशोपचार पूजन करें। दुर्गा अष्टमी के दिन पूजा के समय मां महागौरी को सफेद एवं पीले रंग के फूल चढ़ाने चाहिए। यह रंग उनको प्रिय है। पूजा के समय मां महागौरी को नारियल, काले चने, पूड़ी, हलवा, खीर आदि का भोग लगाना चाहिए। देवी महागौरी को ये सभी चीजें अति प्रिय हैं। इनको अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं। दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन और हवन भी कराया जाता है।

पूजा का महत्व

  • महागौरी की पूजा करने से पाप, कष्ट, रोग और दुख मिटते हैं।
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति के विकास के लिए मां महागौरी की पूजा करनी चाहिए।
  • जो लोग मां महागौरी की पूजा करते हैं, उनके जीवन में सुख और समृद्धि की कमी नहीं रहती है।
  • ये मां अन्नपूर्णा भी कहलाती हैं। इनकी पूजा करने से घर धन और धान्य से भरा रहता है।
  • जिन पर इनकी कृपा हो जाती है, उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। बच्चों की आयु बढ़ती है और सुख एवं समृद्धि आती है।

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