National missio -2024 akhilesh yadav big statement now congress should promote regional parties: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद से देश में सियासी पारा चढ़ गया है। पहली बार पूरा विपक्ष एक साथ नजर आ रहा है। सवाल यही है कि क्या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर या मिलकर चुनाव लड़ने के नाम पर भी यह भाईचारा बना रहेगा? अखिलेश यादव का ताजा बयान इस तरफ संकेत दे रहा है।सपा प्रमुख ने शनिवार सुबह कहा कि कांग्रेस को अब फैसला लेना चाहिए और क्षेत्रीय दलों को आगे करना चाहिए। एक तरह से अखिलेश ने कह दिया है कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस पीछे हट जाए और क्षेत्रीय दलों को आगे करके, उनके सहारे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़े। अखिलेश यादव के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
क्या राहुल के नाम पर एक हो पाएगा विपक्ष
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को लेकर यह बड़ा मोड़ है। जिस तरह से ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी, उससे लग रहा है कि विपक्षी दल एक मंच पर आ रहे हैं, लेकिन वाकई ऐसा होगा, इसमें संशय है। आने वाले दिनों में तस्वीर साफ हो सकती है।
वैसे भी ममता बनर्जी समेत कुछ विपक्ष दल ऐसे हैं, जो नहीं चाहते कि राहुल गांधी को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा जाए। अब उन्हें अपनी बात पूरे दमखम से कहने का मौका मिल गया है। यह संकेत अखिलेश यादव ने दिए हैं। उम्मीद नहीं है कि कांग्रेस इसे स्वीकार करेगी, क्योंकि वह तो अभी भी राहुल को हीरो बनाने में जुटी है।
कांग्रेस लगाए बैठी यह उम्मीद
कांग्रेस को उम्मीद है कि 70 के दशक में इंदिरा गांधी की सदस्यता जाने पर जिस तरह उसके विक्टिम कार्ड ने अगले ही चुनाव में राजनीतिक बाजी पलट दी थी, वैसी ही लहर राहुल के सहारे 2024 में खड़ी की जा सकती है।
भाजपा ने राहुल के चार वर्ष पुराने बयान को संपूर्ण पिछड़ा वर्ग के अपमान से जोड़कर ओबीसी कार्ड की धार से बड़े वोटबैंक को कांग्रेस से और दूर करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।