छतरपुर/ खजुराहो,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जंगल में शराब के अवैध कारोबार को बचाने के लिए आरोपित ने आसपास करंट का जाल फैला दिया था। इसी जाल में फंसकर एक युवक की मौत हो गई। युवक की करंट से मौत हुई तो आरोपित ने शव को शराब कारोबार के पास ही गड्ढा कर दफना दिया था। आरोपित ने यह कृत्य खुद को बचाने के लिए किया था, लेकिन इसी गड्ढे ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। खजुराहो पुलिस ने वारदात के 48 घंटे बाद आरोपित को दबोच लिया है। इससे आरोपित का अवैध शराब का कारोबार भी खत्म हुआ है।
ताजी मिट्टी से हुआ था शव का खुलासा
ग्राम टिकरी निवासी धर्मेंद्र बसोर पुत्र प्रभुदयाल बसोर नौ मार्च से घर से लापता था। स्वजन ने तलाश किया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला था। ऐसे में स्वजन ने पुलिस को सूचना दी। तीसरे दिन 13 मार्च को कुंदरपुरा गांव में श्री बसोर के खेत के पास ही उनके बेटे धर्मेंद्र की बाइक नजर आई। पुलिस ने आसपास पड़ताल की, लेकिन धर्मेंद्र का सुराग नहीं मिला था। ऐसे में पास में ही पुलिस की नजर जब परम कोंदर के खेत में बनी टपरिया पर पड़ी तो यहां महुआ शराब में इस्तेमाल होने वाली कैन पड़ी हुईं थीं। टपरिया के पास एक स्थान पर ताजी मिट्टी नजर आई। पुलिस ने मिट्टी हटवाना शुरू की तो उसमें धर्मेंद्र का शव मिला था। धर्मेंद्र की मौत करंट लगने से हुई थी। मौत के बाद आरोपित परम कोंदर आदिवासी के बेटे करन आदिवासी ने उसे टपरिया के पास गड्ढे में दफना दिया था।
अवैध शराब को बचाने के लिए फैलाया करंट
खजुराहो थाना प्रभारी संदीप खरे ने बताया कि आरोपित करन आदिवासी गांव में ही अपने खेत में टपरिया के पास महुआ से कच्ची शराब बनाने का कारोबार करता था। यह स्थान मुख्य सड़क से करीब एक किमी पैदल चलने के बाद आता है। यहां आसानी से कोई पहुंच नहीं सकता है। धर्मेंद्र के पिता का खेत आरोपित के खेत के पास है। यहां होली से एक दिन पहले सात मार्च को धर्मेंद्र ने रात के समय शराब चोरी कर ली थी। इसके बाद आरोपित ने अपने शराब कारोबार को बचाने के लिए करंट का जाल फैला दिया था। नौ मार्च को जब धर्मेंद्र यहां दोबारा पहुंचा तो उसे करंट लगा, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आरोपित करन ने पुलिस को सूचना देने के बजाए शव को गड्ढा खोदकर दफना दिया था। बाइक नहीं मिलती तो पुलिस धर्मेंद्र के शव को आसानी से नहीं खोज पाती।