Patna, seven judges of patna high court approach supreme court after gpf of judges stopped and their account closed: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ पटना हाईकोर्ट के सात जजों का जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) खाता बंद हो गया है। जजों ने सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर गुहार लगाई है। जब ये मामला मंगलवार को SC पहुंचा तो CJI भी हैरान रह गए। अब इस मामले पर सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
बिहार सरकार का आदेश
बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है। इसमें पटना हाईकोर्ट के 7 जजों के GPF खाता को बंद करने का आदेश दिया। जजों ने इस आदेश को चुनौती दी है। जजों की ओर से पेश वकील ने कहा, ”7 जजों के जीपीएफ अकाउंट को बंद कर दिया गया है। इस मामले में सुनवाई की जरूरत है।”
CJI की बेंच सुनवाई के लिए तैयार
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि सरकार ने जजों का जीपीएफ अकाउंट बंद कर दिया है। इस आदेश के परिणाम गंभीर है। राज्य के महालेखाकार ने जजों के जीपीएफ खातों को बंद कर दिया। इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने हैरान होकर कहा कि क्या जजों के GPF खातों को बंद कर दिया गया। याचिकाकर्ता कौन है।
इन जजों ने दाखिल की याचिका
जस्टिस शैलेंद्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जितेंद्र कुमार, जस्टिस आलोक कुमार पांडेय, जस्टिस सुनील दत्त मिश्रा, जस्टिस चंद्रप्रकाश सिंह और जस्टिस चंद्रशेखर झा ने याचिका दाखिल की है। सभी जज न्यायिक सेवा कोटे से 22 जून को नियुक्त हुए थे। इस मामले में सरकार का कहना है कि जजों के जीपीएफ खाता इसलिए बंद किए गए, क्योंकि न्यायिक सेवा में उनकी नियुक्ति वर्ष 2005 के बाद हुई है।
GPF फंड क्या होता है
जीपीएफ एक तरह का प्रोविडेंट फंड अकाउंट है। हालांकि यह सिर्फ सरकारी कर्मचारी खुलवा सकते हैं। ये एक तरह की रिटायरमेंट प्लानिंग है। इसकी राशि कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मिलती है। कर्मचारी अपने वेतन का 15 प्रतिशत तक जीपीएफ खाते में जमा कर सकता है।