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Delhi: दिल्ली में 434 तक पहुंचा AQI, BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल कारों पर बैन

Delhi government decides to bar plying of bs iii petrol and bsiv diesel vehicles till january 12 on the direction of caqm: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। इसे देखते हुए मंगलवार से 12 जनवरी तक BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। दरअसल सोमवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता काफी गंभीर स्थितियों में पहुंच गयी। राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार को शाम चार बजे 434 पर पहुंच गया, जो रविवार के 371 से अधिक खराब था। जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सभी एनसीआर राज्यों को अधिक सख्ती के साथ प्रदूषण विरोधी उपायों को लागू करने का निर्देश दिया। दिल्ली परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति को देखते हुए मंगलवार से बीएस- III पेट्रोल और बीएस- IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जो शुक्रवार तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अगर हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है, तो शुक्रवार से पहले भी प्रतिबंध हटाया जा सकता है।

आपात स्थिति में बुलाई गई बैठक

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा बुलेटिन में दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता (Delhi Air Pollution) सूचकांक (AQI) सोमवार को 434 दर्ज किया गया। ये रविवार को दर्ज किए गए AQI (371) से 63 अंक ज्यादा था।दिल्ली के औसत एक्यूआई में इस अचानक वृद्धि को देखते हुए एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तत्काल समीक्षा बैठक की। CAQM ने जीएनसीटीडी/एनसीआर राज्य सरकारों/अध्यक्षों/राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी)/डीपीसीसी के सदस्य सचिवों के अधिकारियों को कई निर्देश दिए।

कितनी खराब है वायु गुणवत्ता

आपको बता दें कि 201 और 300 के बीच AQI को ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। राजधानी दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक (PM 2.5) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से लगभग 100 गुना अधिक है। इस सूक्ष्म प्रदूषक के लंबे समय तक संपर्क में रहने से फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है।

वर्तमान में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर है. मीटिंग में जीआरएपी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में निरीक्षण दल तैनात करने की जरूरत को भी दोहराया गया. मौजूद अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे जीआरएपी के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगे और प्रदूषण नियंत्रण और शमन उपायों को और तेज करेंगे. इसमें प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों के योगदान को कम करने के लिए खुले में अलाव जलाने पर रोक शामिल है.

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