Annapurna jayanti 2022 annapurna jayanti tomorrow worship of adishakti in auspicious yoga: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मार्गशीर्ष बहुत ही महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। देवताओं की भक्ति के लिए यह सबसे उपयुक्त माह है वहीं इस माह की पूर्णिमा का भी धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। इस महीने पड़ने वाली पूर्णिमा पर माता पार्वती का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। वहीं इस दिन को माता अन्नपूर्णा की जयंती के रुप में भी मनाया जाता है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा की विधि-विधान से आराधना करने से घर में हमेशा धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं। इस साल अन्नपूर्णा जयंती का व्रत गुरुवार, 08 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा। अन्नपूर्णा जयंती के दिन कुछ खास काम करने से भी बचना चाहिए।
अन्नपूर्णा जयंती का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती 8 दिसंबर 2022 को मनाई जाएगी। अन्नपूर्णा जयंती 07 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 01 मिनट से लेकर 08 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है।
इसलिए मनाई जाती है अन्नपूर्णा जयंती
अन्नपूर्णा जयंती पर जगह विशेष अनुष्ठान, पूजा, यज्ञ, दान किए जाते हैं। मां अन्नपूर्णा की आराधना से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। मां अन्नपूर्णा संसार को अन्न प्रदान करने वाली देवी है। जब धरती पर अन्न-जल का संकट पैदा हो गया था तब मां पार्वती ने देवी अन्नपूर्णा का रूप धर लोगों को इस आपदा से बचाया था। इन्हें आदिशक्ति देवी पार्वती का ही अवतार माना गया है।
अन्नपूर्णा जंयती पर भूलकर भी ना करें ये काम
अन्न का अपमान-
वैसे तो हमें हमेशा ही इश बात का ध्यान रखना चाहिए की हमारे हाथों कभी अन्न का अपमान ना हो, लेकिन अन्नपूर्णा जंयती के दिन इस बात का विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए की किसी भी रूप से अन्न का अपमान न करें।
घर आए लोगों का अपमान-
इस दिन घर आए किसी भी मेहमान का अपमान ना करें। साथ ही किसी भी व्यक्ति जैसे भिक्षा मांगने वाले को खाली हाथ घर से ना लौटाएं। साथ ही हो सके तो इस दिन किसी जरुरतमंद को दान या भोजन जरुर कराएं।
तामसिक भोजन-
अन्नपूर्णा जंयती के दिन घर में किसी भी रूप से तामसिक भोजन न तो बनाएं और न हीं खाएं। इस दिन ऐसा करने से मां अन्नपूर्ण रुष्ट हो सकती हैं, आपको इसके बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।