Bijapur naxal encounter encounter between security forces and naxalites 3 naxalites killed search continues: digi desk/BHN/ बीजापुर/ सुरक्षाबल के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में छह नक्सली मारे जाने का दावा किया जा रहा हैं। बीजापुर एसपी अंजनेय वार्ष्णेय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मुठभेड़ मिरतुर थानाक्षेत्र के पोमरा के जंगलों में हुई है। वहीं घटनास्थल से रायफल समेत 3 हथियार भी बरामद होने की खबर मिली है। जानकारी के अनुसार मारे गए नक्सलियों की पहचान नहीं हुई है। कल बीते देर शाम सुरक्षाबल के जवान एंटी नक्सल आपरेशन पर निकले थे। वहीं आज सुबह करीब 8 बजे सीआरपीएफ, डीआरजी, और एसटीफ के जवानों के साथ मुठभेड़ हुई। फिलहाल पोमरा के जंगलों में सर्चिंग अभियान जारी है।
बीजापुर एसपी अंजनेय वार्ष्णेय ने बताया कि थाना मिरतुर क्षेत्र के अंतर्गत पोमरा के जंगलों में डीवीसीएम मोहन कड़ती, डीवीसीएम सुमित्रा, माटवाड़ा एलओएस कमाण्डर रमेश एवं 30-40 माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिली। जिसपर सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्यवाही करते हुए आज सुबह करीब 7.30 बजे पोमरा के जंगलों में पुलिस ने सर्चिंग आपरेशन चलाए। फिलहाल अभी सर्चिंग कार्यवाही जारी है। डीआरजी, एसटीएफ एवं केरिपु बल की संयुक्त कार्यवाही से नक्सलियों पर यह सफलता मिली है।
गौरतलब है कि नक्सलियों पर काबू पाने छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिलों में सीआरपीएफ दो नए फारवर्ड आपरेशन बेस (एफओबी) बनाने जा रही है। सुकमा के डब्बाकोंटा और बीजापुर के नंबी में ये बेस बनाए जाएंगे। यह दोनों इलाके अत्यंत दुर्गम हैं और सरकार की पहुंच से बाहर हैं। सीआरपीएफ के यहां तक पहुंचने से नक्सलियों का बड़ा आधार समाप्त हो जाएगा। बस्तर संभाग के सात जिलों में नक्सलियों से मुकाबले के लिए सीआरपीएफ, आइटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी आदि अर्धसैन्य बल के 120 से ज्यादा कैंप हैं। सीआरपीएफ ने देश में 25 एफओबी बनाए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा दस एफओबी छत्तीसगढ़ में हैं। तीन महीने पहले सीआरपीएफ ने सुकमा के एलमागुंडा व पोटकपल्ली में दो नए एफओबी बनाए हैं।
सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आदिवासियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सुदूरवर्ती क्षेत्रों में नए आधार बनाए जा रहे हैं। यहां फोर्स की सुरक्षा में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, राशन की दुकान, मोबाइल टावर आदि राज्य व केंद्र की विकास योजनाओं को पहुंचाने की तैयारी है। जिन क्षेत्रों में अब सीआरपीएफ पहुंच रही है उससे यह स्पष्ट है कि बस्तर में नक्सलवाद से लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गई है।