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Palghar Mob Lynching : साधुओं की मॉब लिंचिंग के 2 साल बाद सरकार CBI जांच को तैयार

2020 Palghar Mob Lynching Case: digi desk/BHN/मुंबई/ महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग के मामले में एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि वह मामले की जांच सीबीआई से कराने को तैयार है। बता दें, 16 अप्रैल 2020 को मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके ड्राइवर को पालघर के गडचिंचले गांव में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। भीड़ को आशंका है कि ये साधु बच्चा चोर हैं। इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तक उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते महाराष्ट्र पुलिस जांच कर रही थी, जिस पर कई सवाल उठ रहे थे। एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद मामला की सीबीआई जांच की मांग ने तेजी पकड़ी थी, जिस पर सरकार तैयार हो गई है। इस हत्याकांड की चर्चा देशभर में हुई थी। उस समय कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ था।

Palghar Mob Lynching Case: जानिए क्या है पूरा मामला

पुलिस की अब तक जानकारी के अनुसार, घटनाक्रम 16 अप्रैल 2020 की रात 10 बजे का है। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। मृतकों के नाम सुशीलगिरी महाराज (35) और कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70) थे। इनके साथ नीलेश तेलगड़े (30) नामक ड्राइवर भी था। ये लॉकडाउन के बीच कार में सवार होकर मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। गडचिनचाइल गांव में भीड़ ने पुलिस टीम की मौजूदगी में उन पर हमला किया और बेहद ही बर्बरता के साथ उनकी हत्या कर दी थी।

मामले में उद्धव ठाकरे सरकार की गंभीरता शुरू से सवालों के घेरे में रही। भाजपा ने आरोप लगाए कि पुलिस महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार के दबाव में मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।

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