Nasa Double Asteroid Redirection Test: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ भविष्य में किसी भी उल्कापिंड से धरती को बचाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से किया गया टेस्ट सफल हो गया है। इतिहास में पहली बार किसी Planetary Defense Test, जिसे डार्ट मिशन (Dart Mission) नाम दिया गया था, उसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अब भविष्य में धरती के ऊपर अगर किसी तरह के उल्कापिंड के टकराने का खतरा मंडराता है तो इस यूनिक तकनीक से पृथ्वी को बचाया जा सकता है।
NASA Mission: एस्टेरॉयड से टकराया नासा का स्पेसक्राफ्ट, धरती को बचाने का प्रयोग सफल
गौरतलब है कि हमारी धरती के आसपास करीब 1000 से ज्यादा विशाल पत्थर चक्कर काट रहे हैं, जो कभी भी धरती के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। इन विशाल पत्थरों की चट्टानों को ही उल्कापिंड कहा जाता है। भविष्य में धरती को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी चीज से है तो वो है एस्टेरॉयड।
डार्ट मिशन ने 27 सितंबर 2022 यानी सुबह 4.45 मिनट पर एस्टेरॉयड डिडिमोस (Didymos) के चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस (Dimorphos) से टकराया था। स्पेसक्राफ्ट ने एस्टेरॉयड से टक्कर मारी तो तोआखिरी समय का लाइव वीडियो भी दिखाई दे रहा था। नासा ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो भी जारी किया है।
डार्ट मिशन (Dart Mission) डिडिमोस एस्टेरॉयड के चंद्रमा डाइमॉरफोस से टकराया। नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक डाइमॉरफोस से धरती को कोई खतरा नहीं था और भविष्य में इसके धरती से टकराने की भी आशंका नहीं थी। नासा के मुताबिक यह सिर्फ एक टेस्ट था, जो सफल रहा।
डार्ट मिशन के स्पेसक्राफ्ट ने करीब 22,530 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से डाइमॉरफोस से टक्कर की। टक्कर से ठीक पहले डार्ट मिशन ने डाइमॉरफोस और एस्टेरॉयड डिडिमोस के वातावरण, मिट्टी, पत्थर और संरचना पर भी तस्वीरें ली और उनका शोध किया। इस मिशन में काइनेटिक इम्पैक्ट टेक्निक का उपयोग किया गया।
Didymos का व्यास कुल 2600 फीट है और डाइमॉरफोस इसके चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। उसका व्यास 525 फीट है। टक्कर के बाद दोनों पत्थरों के दिशा और गति में आए बदलावों की स्टडी की जाएगी। नासा ने पृथ्वी के चारों तरफ 8000 से ज्यादा नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) रिकॉर्ड किए हैं।इनमें से कई उल्का पिंड 460 फीट व्यास से ज्यादा बड़े हैं।