Vidhi upaaye shaniwar upay take special care of these things in the worship of shani dev otherwise there will be big loss: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित माना जाता है। शनि को न्याय के देवता माना गया है। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनिदेव को सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है। ईमानदार लोगों को शनि यश, धन, पद और सम्मान देते हैं। वहीं पाप करने वाले व्यक्तियों के लिए ये दुख और कष्ट कारक होते हैं। शनिवार के दिन शनि पूजा करने के कुछ खास नियम होते हैं। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाए तो शनिदेव नाराज हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि शनिदेव की पूजा में किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
इन नियमों का रखें ध्यान
शनिदेव की पूजा में धातु का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। इनकी पूजा में कभी भी तांबे के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। तांबे का संबंध सूर्यदेव से होता है। शनिदेव सूर्य के पुत्र हैं। लेकिन वे परम शत्रु भी हैं। शनिदेव की पूजा में लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
कोई भी पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके की जाती है। लेकिन शनिदेव की पूजा पश्चिम दिशा की ओर मुख करके ही करनी चाहिए। शनिदेव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं। इसलिए इनकी पूजा भी इसी दिशा की ओर मुख करके की जानी चाहिए।
शनिदेव की पूजा कभी भी उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए। पूजा के समय शनिदेव की आंखों में भी नहीं देखना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव को श्राप मिला था कि वे जिसे भी देखेंगे उसका अनिष्ट होगा।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को तिल, गुड़ या फिर खिचड़ी का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है।