Vaman Jayanti 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है। वहीं इस साल वामन जयंती 7 सितंबर 2022 को मनाई जाने वाली है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। भागवत पुराण के अनुसार इस दिन त्रेता युग में श्रवण नक्षत्र में भगवान विष्णु ने पांचवें अवतार के रूप में जन्म लिया था। बता दें कि भगवान विष्णु ने चार अवतार मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार और नरसिंह अवतार पशु के रूप में लिए थे। उसके बाद उन्होंने पहला मनुष्य रूप वामन अवतार धारण किया था। आइए जानते हैं कि श्रीहरि के वामन अवतार की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है।
वामन जयंती शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 7 सितंबर 2022 बुधवार को सुबह 03 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी। वहीं द्वादशी तिथि का समापन 8 सितंबर 2022 गुरुवार को सुबह 12 बजकर 04 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार भगवान विष्णु के वामन अवतार का जन्मोत्सव 07 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन श्रवण नक्षत्र का विशेष महत्व रहता है। इसी नक्षत्र में वामन अवतार ने जन्म लिया था।
- श्रवण नक्षत्र आरंभ 7 सितंबर 2022 शाम 04:00 बजे से
- श्रवण नक्षत्र समाप्त 8 सितंबर 2022 दोपहर 01:46 बजे तक
वामन जयंती पूजा विधि
- वामन जयंती पर व्रत रखने का विधान होता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- इस दिन स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु के वामन अवतार की तस्वीर चौकी पर स्थापित करें। अगर वामन अवतार की फोटो न हो तो श्रीहरी तस्वीर का पूजन भी कर सकते हैं।
- षोडोपचार से वामन भगवान का पूजन करें। उन्हें रोली, मौली, पीले पुष्प, नैवेद्य आदि अर्पित करें। वामन अवतार की कथा का श्रवण करें।
- आरती कर प्रसाद बांट दें। साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। दान भी जरूर करना चाहिए। इस दिन श्रवण नक्षत्र में पूजा करना काफी फलदायी माना जाता है।