#WATCH | 3,700kgs of explosives bring down Noida Supertech twin towers after years long legal battle over violation of construction laws pic.twitter.com/pPNKB7WVD4
— ANI (@ANI) August 28, 2022
(वीडियो ANI से साभार)
Twin Tower Demolition: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ नोएडा के सेक्टर-93-ए में सुपरटेक ट्विन टावर्स को चंद सेंकड में धराशायी कर दिया गया है। इस 32 मंजिला विशाल बिल्डिंग्स को दोपहर 2.30 बजे एक भयावह विस्फोट के साथ गिरा दिया गया। विस्फोट के बाद आसपास के पूरे इलाके में धूल के एक बड़ा गुबार उड़ने लगा। आसपास की सभी बिल्डिंग भी धूल के गुबार में ढंक गई। इमारत के धराशायी होने के बाद प्रदूषण स्तर की निगरानी के लिए विध्वंस स्थल पर स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई है।
विस्फोट से पहले चेक की हवा की दिशा
विस्फोट के समय हवा किस ओर चलेगी और धूल का गुबार किस दिशा में जाएगा, यह जानने के लिए अब से कुछ देर पहल ट्वीन टॉवर के सामने धूल उड़ाकर देखी गई है। फिलहाल हवा यमुना एक्सप्रेस वे की ओर बह रही है और इस कारण से यमुना एक्सप्रेस वे को कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया। इस मामले में सुपर टेक ने भी बयान जारी कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया और तदनुसार दोनों टावर को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए हैं। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं, इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
10 साल की लड़ाई के बाद मिली ये जीत
ट्विन टावर्स के विध्वंस पर RWA अध्यक्ष, एमराल्ड कोर्ट और याचिकाकर्ता यूबीएस तेवतिया ने कहा कि 10 साल की लड़ाई के बाद अगर जीत मिलती है तो उसका कितना आनंद आता है वो हर आदमी जानता है। हमने 2012 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। विध्वंस के दीर्घकालिक लाभ 3 महीने में दिखाई देंगे।
3700 किलो विस्फोटक लगाया गया
सुपरटेक ट्विन टॉवर्स को गिराने के लिए 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुपरटेक ट्विन टॉवर में 103 मीटर ऊंचा एपेक्स और 97 मीटर ऊंचा सियान टॉवर शामिल है। सुरक्षा कारणों से एमराल्ड कोर्ट और आसपास की सोसायटियों के फ्लैट पूरी तरह से खाली करा लिए गए हैं। यहां से करीब 3000 वाहनों और 200 पालतू जानवरों को भी बाहर निकाला जा चुका है।
धराशायी इमारतों से निकलेगा 60 हजार टन मलबा
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी के मुताबिक दोनों टॉवरों से करीब 60000 टन मलबा निकलेगा, जिसकी सफाई में करीब 90 दिन लगेंगे, जिसमें से करीब 35 हजार टन मलबा का निस्तारण किया जाएगा।